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भाचारदिनकरः
॥१७॥
नमो गरुडाय स्वाहा १६ॐ नमो गन्धर्वाय स्वाहा १७ ॐ नमो यक्षेशाय स्वाहा १८ ॐ नमः कुबेराय स्वाहा १९ | ॐ नमो वरुणाय स्वाहा २० ॐ नमो भृकुटये स्वाहा २१ ॐ नमो गोमेधाय स्वाहा २२ ॐ नमः पार्थाय स्वाहा २३ ॐ नमो मातंगाय स्वाहा २४ । ततो बहिः परिधि विधाय चतुर्विशति दलानि कुर्यात् तेषु दलेषु गोमुखादिक्रमेण ॐ नमश्चक्रेश्वर्यै स्वाहा १ ॐ नमोऽजितबलायै स्वाहा २ नमो दुरिताय स्वाहा ३ ॐ नमः कालि| कायै स्वाहा ४ ॐ नमो महाकालिकायै स्वाहा ५ ॐ नमः श्यामायै स्वाहा ६ ॐ नमः शान्तायै स्वाहा ७ ॐ नमो भृकुटयै स्वाहा ८ ॐ नमः सुतारिकायै स्वाहा ९ ॐ नमोऽशोकायै स्वाहा १० ॐ नमो मानव्यै स्वाहा ११ ॐ नमश्चण्डाय स्वाहा १२ ॐ नमो विदितायै स्वाहा १३ ॐ नमोऽकुशायै स्वाहा १४ ॐ नमः कन्दर्पायै स्वाहा १५ ॐ नमो निर्वाण्यै स्वाहा १६ॐ नमो बलायै स्वाहा १७ ॐ नमो धारिण्यै स्वाहा १८ । नमो धरणप्रियायै स्वाहा १९ ॐ नमो नरदत्तायै स्वाहा २० ॐ नमो गान्धायै स्वाहा २१ ॐ नमोम्बिकायै स्वाहा २२ ॐ नमः पद्मावत्यै स्वाहा २३ ॐ नमः सिद्धायिकायै स्वाहा २४ । ततो बहिः परिधि विधाय दश दलानि कृत्वा क्रमेण ॐ नम इन्द्राय स्वाहा १ ॐ नमोग्नये स्वाहा २ ॐ नमो यमाय स्वाहा ३ ॐ नमो नैक्रतये स्वाहा ४ ॐ नमो वरुणाय स्वाहा ५ ॐ नमो वायवे स्वाहा ६ ॐ नमः कुबेराय स्वाहा ७ ॐ नम ईशा
नाय स्वाहा ८ॐ नमो ब्रह्मणे स्वाहा ९ॐ नमो नागेभ्यः स्वाहा १० तत उपरि परिधि विधाय दश दलानि ॐ कृत्वा क्रमेण ॐ नमः सूर्याय स्वाहा १ ॐ नमश्चन्द्राय स्वाहा २ ॐ नमो भौमाय स्वाहा ३ ॐ नमो बुधाय
AAKAS
॥१७॥
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