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आचार
दिनकरः
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जरूरी सूचना
आ प्रतमां पानु ९२ थी नोतरा देवानी विधिथी शरु थती. पाना १२० सुधीनी क्रियाविधि जे रीते आ० दि० मूण प्रतमां के तेना करतां वधारे व्यवस्थित अने परंपराथी प्रचलित जे हालमां पण जे रीते विधि करावाय छे ते रीते साधु साध्वीओने योगोद वहनमां अगत्यनी होवाथी अने आ विधि समजी शके एवी मिश्र भाषामां होवाथी ते प्रमाणे छपावी छे अने ते प्रकरणने आनुषंगिक छे स्यार पछी मूण प्रमाणे लीधी छे योगोद्वहनना यंत्रो आपवामां आव्या के जेथी क्रिया करावनारने सरणता रहे
पानुं १५४ थी १६२
खातविधि, कुर्मन्यास, शिलास्थापन विधि, मूण प्रतमां नथी परंतु उपयोगी होवाथी आ प्रकरण उमेरवामां आवयुं छे..
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