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आचार
दिनकरः
॥ १२ ॥
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ग्रह प्रतिष्ठा
चतुर्निकाय प्रतिष्ठा
गृह-जलाशय
प्रकीर्ण पूजा अधिवासनानि
२२६ | शान्तिकविधि
२२७ ग्रहनक्षत्र शान्ति२२७-२२८ पौष्टिकविधान२२८- २२९ | बलिविधान २२९ - २३२ | प्रायश्चितविधिः
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२३२-२३७ २३८-२४६ २३६- २४९
२५० २५०-२६५
॥ १२ ॥
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