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आचार• दिनकरः
॥ ३३९ ॥
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अभिनंदणधम्माण फग्गुणे कसिणछट्टीए ॥ १० ॥ नाणसुपासे सत्तमि सुपासमुक्खो ससिस्स नाणं च । सुविहिचुईनवमीए इक्कारसि नाणमुसभस्स ॥ ११ ॥ सिजंसजम्मसुवयं नाणं बारसहिदिक्खसेअंसे । तेरसि चउदसि जम्मो पनरसि दिक्खाइ वसुपुजे ॥ १२ ॥ सियबीय चउत्थि अट्ठमि चवणं अरमल्लिसंभवजिणाणं । बारसि मुक्खो मल्लिस्स जयइ मुणिसुवयवयं च ॥ १३ ॥ चित्ताइचउत्थि पासे चवणं नाणं च पंचमी चवणं । ससिणो उसमे अट्ठमि जन्मवया सुद्धतइयाए ॥ १४ ॥ कुंथूनाणं पंचमि सिद्धीसंभव अनंत अजियाणं । नवमिहिं मुक्खो सुविहस्स नाण मिक्कारसीए उ ॥ १५ ॥ तेरसिजम्मो वीरे पुन्निमपरमस्स नाणमह बहुले । वसाहपडिवबीआ कुंथु तह सीअले मुक्खो ॥ १६ ॥ पंचमीहिं कुंथुदिक्खा सीअलचुइ छट्टि दसमि नमिमुक्खो | तेरसि जम्मो चउदसि दिक्खा नाणं अनंतस्स ॥ १७ ॥ चउदसि जाओ कुंथु सिअचउत्थिचुओभि नंदणो जयइ । सन्तमि धम्मोवि चुओ अट्ठमि अभिनंदणो सिद्धो ॥ १८ ॥ जम्मट्ठमि नवमिवयं सुमइ जिणे | दसमि केवलं वीरे । वारसि तेरसि चुअ विमल अजिय अह जिट्ठबहुलंमि ॥ १९ ॥ छट्टि चुई सेअंसे सुवयजम्मट्ठमी नवमिमुक्खो । तेरसि जम्म मुक्खो चउदसि दिक्खा य संतिस्स ||२०|| सिअपंचमी य मुक्खो धम्मे नवमी वासपुज्जचुई । बारसि सुपासजम्मो तेरसि दिक्खा सुपासस्स || २१ || आषाढाइचउत्थी उसभचुई सत्तमी विमलमुक्खो । नमिदिक्खा नवमीए सिअछट्टिहिं वीरजिणचवणं ॥ २२ ॥ अट्ठमि सिद्धो नेमी वसुपुज्जो निव्बुओ चउदसीए । सावणबहुले तइआ सिद्धिगओ जयइ सेअंसो || २३ | सत्तमि चवणमणते
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विभागः २ तपोविधिः
॥ ३३९ ॥
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