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आचार- ॐ क्रोभैरवाय नमः ६॥ ॐ क्रोंगरुडाय नमः ७॥ ॐ क्रोरक्तसुवर्णाय नमः ८॥ ॐ क्रोंदेवसेनाय नमः ९॥ विभागः२ दिनकरः ॐ क्रोरुद्राय नमः१०॥ ॐ क्रोवरुणाय नमः११॥ ॐ क्रोभद्राय नमः १२॥ॐ क्रोवज्राय नमः१३॥ॐक्रोवज्रजङ्घाय प्रतिष्ठा
नमः १४ ॥ ॐ क्रोस्कन्दाय नमः १५॥ ॐ क्रोंकुरवे नमः१६॥ ॐ क्रों प्रियंकराय नमः १७॥ॐ क्रोप्रियमित्राय विधिः . ॥२०८॥
नमः १८॥ ॐ क्रोवह्नये नमः १९ ॥ ॐ क्रोंकन्दाय नमः २०॥ ॐक्रोहंसाय नमः २१॥ ॐ क्रोएकजङ्काय नमः |२२॥ ॐ क्रोघण्टापथाय नमः २३ ॥ ॐ क्रोंदजकाय नमः २४ ॥ ॐ क्रोंकालाय नमः २५॥ ॐ क्रोमहाकालाय
न: २६॥ ॐ क्रोंमेघनादाय नमः २७ ॥ ॐ क्रोंभीमाय नमः २९॥ ॐ क्रोमहाभीमाय नमः २९॥ ॐ क्रोत४ भद्राय नमः ३०॥ ॐ कोंविद्याधराय नमः ३१ ॥ ॐक्रवसुमित्रानमः ३२॥ ॐ क्रोविश्वसेनाय नमः३३॥
ॐ क्रोनागाय नमः ३४ ॥ ॐ क्रोनागहस्ताय नमः ३५॥ ॐ क्रोप्रद्युम्नाय नमः ३६ ॥ ॐ कोंकम्पिल्लाय नमःला ३७॥ ॐ क्रोनकुलाय नमः ३८॥ ॐ क्रोंआह्लादाय नमः ३९॥ ॐ क्रोत्रिमुखाय नमः ४०॥ ॐ क्रोपिशाचाय नमः ४१॥ ॐ क्रोंभूतभैरवाय नमः ४२॥ ॐ क्रोमहापिशाचाय नमः ४३॥ ॐ क्रोंकालमुखाय नमः। ४४॥ ॐ क्रोशुनकाय नमः ४५॥ ॐ क्रोंअस्थिमुखाय नमः ४६॥ ॐ क्रोरेतोवेधाय नमः ४७॥ ॐ क्रोस्सशानचाराय नमः ४८॥ ॐ क्रोंकलिकलाय नमः ४९ ॥ ॐ क्रोभृङ्गाय नमः ५०॥ ॐ कोंकण्टकाय नमः ५१॥ ॐ क्रोबिभीषणाय नमः ५२॥ पुनर्वलयं कृत्वा अष्टदलं कुर्यात् । तत्र प्रदक्षिणक्रमेण । ह्रीं श्रीभैरवाय नमः
॥२० ॥ १ केलिकलायेति पाठः ।
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