SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन विवेक प्रकार. · क्स ओफ ट्रेडस' पुस्तकना ४२ थी ४५ पानामां लखेछ के:बटाटा तथा सागु (जे अंजीरथी बनती खांडना समान छे ) यी बनती खांडमा भुरी खांड घणी मेळवेछे. जेवां कारखानां स्टेफोर्ड इसे कसमां छे. एभुरी खांड चीकणी होयछे, अने बेस्ट इंडी आनी खांडना जेवी चमकदार तथा स्फटिक जेवी होती नथीं तेथीज वेस्टइंडियानी खांड करतां फीकी, कंइक कडवी अने बेस्वाद होय. मीठाई ( केक टीकडीओ बगेरे ) मीठाई उपर भभका तथा शोभाने माटे जे रंग आपवामां आवे छे, ते संबंधी forवाळाओथी तपास करतां जणायुंछे के घणा नाशकारक झेरी पदार्थोथी र मीठाई रंगीन बनावायछे. इंग्लांडके जे सुधारानी रंगभूमि छे त्यां उघाडे छोगे बजारमां झेर वेचायछे. अने दुकानो तेवी चीजोथी भरेली देखायछे. वळी डाकटर ले थबी कछे के:-गयां त्रण वर्षोमां आ झेरथी सीतरे मरण थयां छे. परंतु तेना अटकाव माटे कई उपाय लेवामां आवता नथी. बर्न्स उवीग्रीन ( एक जातनो- लीलो रंग ) घणुं खरुं मीठाईयो • उपर लगाडायछे, जे जंगालना नामथी ओळखायछे अने तेनो थोडोज भाग मोत नीपजावबाने माटे बसछे. हेन के साहेब जणावेछे के :- एक लीला रंगथी रंगवाथी लीलो देखा तो केक जे बाळकोना रंगनी पेटीमा हतो, ते चुसवाथी त्रण वर्षनो एक छोकरो मरीगयो. १८४७ ना सप्टेंबर मां त्रण पुरुष अने आठ छोकरांए एंव रंगेली मीठाई खाधीहती, तेथी तेमने उलटी थती हती. जेथी सारवार माटे तें बधांने मेरील बोनवर्क हाउस मां मोकल्यां हां, ए अगीयार जगांए बे पेनींनी मीठाई लईने खाधी ती अने तेनी असर मात्र दश मिनिटमां ज थई हती. आ रंग कषायला पदार्थोथी बनेलोहतो. वळी डाकटर लेथनी एक
SR No.544071
Book TitleJain Vivek Prakash Pustak 11 Ank 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchandra Yati
PublisherGyanchandra Yati
Publication Year
Total Pages32
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vivek Prakash, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy