SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बच्चों की कलम से लो आज़ादी का दिन आया (सुमलता जैन कक्षा ७) लो आजादी का दिन आया। सबने है त्योहार मनाया ॥ खुशियाँ खूब मनाई जाती। बड़े जलूस निकाले जाते। जलसे और सभाएँ होती। झंडा गायन गाए जाते । और मिठाई बाँटी जाती। - 'भारत माता की जय' करते। किन्तु न सब को है मिल पाती॥ 'गाँधी की जय' नारे लगाते ॥ सब में है आनन्द समाया । यह आजादी का दिन आया । ॐAL. काँग्रेस और स्वराज्य (लेखक-मिथलेशचन्द्र जैन कक्षा ६) ___ सन् १८८५ ई० में काँग्रेस की नींव पड़ी यह नींव एक अंग्रेज ने डाली थी। उसका नाम मिस्टर ह्य म था। उसके हृदय में यह भी न था कि किसी दिन हमारी ही बनाई हुई काँग्रेस हमको भारत से निकाल बाहर करेगी। पहले तो उसमें ऐसे लोग शामिल हुये जो चाहते थे कि अंग्रेजों की तरह भारत वासियों को भी नौकरियाँ मिलें । इसके पश्चात उसमें ऐसे लोग शामिल हुये जो सम्पूर्ण स्वराज्य चाहते थे। इसके नेता दादा भाई नौरोजी, तिलक, गोखले, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी एवं महात्मा गाँधी थे उस समय ऐनीवेसेण्ट नामक एक अंग्रेज महिला ने 'होमरुल' का झंडा उठाया जिसका अर्थ है-"अपना शासन'' इस अंग्रेजी हुमूकत का असली विद्रोह लोकमान्य गंगाधर तिलक ने किया था। उनको जेल जाना पड़ा। सन् १९२० ई० में कलकत्ते के अधिवेशन में महात्मा गाँधी ने असहयोग प्रस्ताव पास किया जिससे पुराने लोग डर गये और उन्होंने महात्मा गाँधी का साथ छोड़ दिया अब काँग्रेस के नेता महात्मा गाँधी हो गये जिन्होंने सत्य अहिंसा की लड़ाई लड़ी और वे कई सालों तक संघर्ष करते रहे । सन २१, ३१, में बड़ा भयानक सत्याग्रह हुआ। जिसमें जनता ने खुलकर हिस्सा लिया इस सत्याग्रह में हजारों नौ जवान जेल गये। बहुतेरे गोली के शिकार हुये । अनेक नेता दस-दस-पंद्रह-पंद्रह बार जेल गये अंत में त्याग और बलिदान का नतीजा यह हुआ कि १५ अगस्त सन् १६४७ को भारत स्वतंत्र हो गया । सत्य अहिंसा की लड़ाई ने इतनी बड़ी अंग्रेजी सत्ता पर विजय पाई ।
SR No.543517
Book TitleAhimsa Vani 1952 08 Varsh 02 Ank 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherJain Mission Aliganj
Publication Year1952
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Ahimsa Vani, & India
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy