SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 30
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दिगम्बर जैन । [ वर्ष १७ दर्द मिट जाता है। चोट लगकर सुनन चढः चाहिये। अगर मिट्टी में गोबर बहुत हो तो गई हो, या न भी चढी हो तो मिट्टीकी पुल. उसे काममें न लेनी चाहिये। मिट्टी बहुत टिपसे दोनों दर्द आराम हो जाते हैं । कई चिकनी न होकर थोडो चिकनी और रेतीली वर्ष पहिले मैं जब फ्रूट साल्ट लेता तभी अच्छा अच्छी होती है। उसमें किप्ती प्रकारका कचरा रह सकता था । १९०४ में मिट्टीकी उपयो- वगैरह न होना चाहिये। मिट्टीको बारीक चलगिता पर मेरा ध्यान गया और तमीसे मुझे नीमें छानकर सदा ठंडे पानी में भिगो रखनी फ्रूट साल्ट वगैरहके लेनेकी किसी दिन भाव- चाहिये । अटेको गूरनेसे वह जितना कठिन श्यकता न पड़ी। जिसे बद्धकोष्ट रहता है उसे रहता है उतनी ही कठिन मिट्टी भी रहनी पेडूपर मिट्टी की पुलटिस बांधनेसे बड़ा लाभ चाहिये । मिट्टी को बिना इस्त्री किये हुए साफ होता है । पेटमें दर्द होता हो तो मिट्टी बांध- बारीक कपड़े में बांधकर निप्त नगह मावश्यकता नेसे वह हलका हो जाता है । मिट्टोके बांधनेसे हो वहांगर पुटिसके माफिक उसका उपयोग अतिप्तार तक मिट जाता है। पेडू और सिरपर करना चाहिये । मिट्टी शरीरपर सुख न जाय मिट्टीके बांधनेसे जोरका बुखार भी एक दो घंटे में इसके पहिले ही उसे हटा लेना चाहिये । एक कम पड जाता है। फोडे, फुसी, खुजली, दाद वारकी पुलटिम साधारण तौरपर २-३ घंटेतक वगैरह पर मिट्टी धनेसे प्रायः बहुत लाभ चक सकती है। काममें आई हुई मिट्टी फिर होता है। फोडोंसे रसी निकलती हो तो मिट्टीकी काममें न लेनी चाहिये । काममें भाया हुआ उपयोगिता कम हो जाती है। जलेपर मिट्टो कपडा, यदि उसमें पीव, खून न लगा हो तो, बांधनेसे जलन कम हो जाती है और सुनन फिर काममें लाया जासकता है। पेडू पर मिट्टी नहीं चढती। मर्श (मसे ) वालेको मिट्टीका रक्खी हो तब उसपर एक गरम कपडा रखकर बांधना लामकारी है। पाला पडनेसे प्रायः हाथ, पट्टा बांध देना चाहिये। हरएक आदमी एक पैर सुर्ख होकर सुख माते हैं, उनपर मिट्टी डब्बे में मिट्टी भरकर रख छोडे तो उसे ठीक बांधने का असर हुए विना रह ही नहीं सकता। मौकेपर इधर उधर भटकने फिरने की आवश्य. खुनलीवाली बादीपर मिट्टी गुणकारी है। दुखते कता न पडेगी । उसे जब जरूरत पडेगी तभी हुए जोडोंपर मिट्टी लगानेसे तरन्त लाभ होता वह उस मिट्टीको काममें का सकेगा । बिच्छूके है। इस तरह मिट्टीके बहुत से प्रयोग करने पर डंकपर जितनी जरदी मिट्टी रक्खो जासके, मुझे मान पडी है कि घरू इमानके तौरपर उतना ही अच्छा है। "जयानीप्रताप "" मिट्टी अनमोल चीन है। सब प्रकारकी मिट्टीका एकसा गुण नहीं होता। पवित्र काश्मीरी केशरसुर्ख मिट्टी विशेष गुणकारी जान पडी है। का भाव ३) फी तोला है। मिट्टीको हमेशा अच्छी जगहसे खोदकर लानी मैनेजर-दि० जैन पुस्तकालय-सरत।
SR No.543195
Book TitleDigambar Jain 1924 Varsh 17 Ank 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kisandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1924
Total Pages34
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Digambar Jain, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy