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________________ नाम संस्कारमें दान-सुसारीके सेठ ગુજરાત દિઃ જૈન યુવક મંડલ-મુબા रोडमल मेघर नजीके सेमी-दजीने अपने पुत्रका एनी तथा 5 सुE 13 सभा 24 નાગપુરમાં રાષ્ટ્રીય વાવટા સત્યાગ્રહ યુદ્ધમાં જેલ नाम सम्करण जैन वितिसरे म्या व म्भा करके જનાર ગુ. રાતના બે વીર શેઠ છોટાલાલ ગાંધી 29. दान अपने कर्मचाईयों को व અત્ બાદ ઠાકર લાને અભિનંદન આપવાને संस्थाओं को दान किया ઠરાવ થયે તો मुक्तागिरी-का खापर्डे का एक मुकदमाहाराच्या घशाताना शून भासभा कोर्ट ने खारिज किया है जिप्तकी वे अपील 988 मने बाधमा 734 मन मन भुसाल राय साभलीधा हती, तथा घामाताना 850 कारनेवाले हैं। અને 702 નવા રાગીયે એ લાભ લે. હતા. दशलाक्षण पर्व-में उपदेश देने के लिये स्था महाविद्य लय क शीसे उच्च कक्षाके विद्यार्थी व धर्माध्यापक कैलाशचंद्र कहींसे मांग आने पर जा सकेंगे क्योंकि विद्यालयमें पर्वकी छुट्टी रहती है। महात्माजीको जैन ग्रंथ भेजे गयेजैन मित्र कार्यालयकी ओरसे महात्मा गांधी जीको येरोडा (पूना) जेलके सुप्रिन्टेन्डेन्ट मार्फत ब शीतलप्रसादनी कृत समाधिशतक टीका, समयप्तार टीका, इष्टोपदेश टीका, भात्मधर्म, आस्मानंदका सोपान, स्वसमरानंद व अनुभवानंद तथा वेरिटर चम्मतराय जी कृत असहमतसंगम ये 8 पुस्तकें भेजी गई थीं जो सुप्रिन्टेन्डेटने स्वीकार करके वे पुस्तकें महात्माजीको दी हैं ऐसा पत्र हमारे पास आगया है। लाभ लिया-दानवोर सर सेठ हुकमचंद. जीके भायु औषधालय इौरका गत 3 महीनों में 3274 नये व कुरु 11360 रोगियोंने लाभ लिया था। इनमें 39 बीमा रोंकी विजली द्वाग चिकित्सा कीगई तथा 20 ओपरेशन हुए थे। इसकी 13 श ख ये भी खुल चुकी हैं। "जेनविजय " प्रिन्टिग प्रेस खपाटिया चकला,-सुरतमें मूलचंद किसनदास कापड़ियाने मुद्रित किया। और “दिगम्बर जैन" आफिस, चंदावाड़ी-सूरतसे उन्होंने ही प्रकट किया। अगरबत्ती। गरकी 2) रतल 4) रतलाम . अगरकी सलीपर / चंदनकी सलीपर२) र पर्युषणपर्वके पवित्र दिनोंके लिये पवित्र द्रव्यों से तैयार किया हुआ व दशांग धप-- चंदनकी 1) / प्रशंसा पात्र अवश्य मगाइये ! अवश्य मगाइये!! फी रतल 2-8-0 ढाई रुपये। सरैया ब्रधर्स जैनी-सूरत। RAPandharpaapaa0000pmportanpany पवित्र काश्मीरी केशर 2 // ) तोला
SR No.543188
Book TitleDigambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kisandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1923
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Digambar Jain, & India
File Size10 MB
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