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(३३) पौरवाल ज्ञाति का प्राचीन वैभव । (३४) पौरवाल ज्ञाति की राजनीतिज्ञता । (३५) पौरवाल ज्ञाति के श्रेष्ठ वीरों के जीवन चरित्र । (प्राचीन ) ( ३६ ) पौरवाल, ओसवाल, श्रीमाल और अन्य ज्ञातियों में रोटी बेटी व्यवहार । (प्राचीन )
(३७) पौरवाल समाज की दूसरे समाजों पर उदारता । (३८) अम्बादेवी और पौरवाल समाज ।
( ३६ ) भिन्न २ पेटा ज्ञातिएं कैसे हुई ?
(४०) भिन्न २ पेटा ज्ञातियों के गौत्र और उनका इतिहास |
( ४१ ) पद्मावती पौरवाल । (४२) बीसा शुद्ध पौरवाल । (४३) दशा पौरवाल । (४४) अट्ठाबीसा पैौरवाल |
(४५) गंगराड़े पौरवाल । (४६) झांगड़ा पौरवाल । (४७) नेता पौरवाल ।
(४८) कपोल पौरवाल ।
( ४६ ) सोरठिया पौरवाल ।
(५०) पौरवाल ज्ञाति के महामन्त्री भुजाल की फूफ़ी का विवाह गुजरात के सोल की वंशीय सम्राट् कुमारपाल (प्राचीन) के साथ | याधुनिक पौरवाल ज्ञाति के पतन का इतिहास व उसको सुधारने की योजनाएं
(५१) पौरवाल ज्ञाति का पतन |
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( ५२ ) पौरवाल ज्ञाति का छोटे २ टुकड़ों में विभाजित हो जाना । - (५३) गांव २ और परगने २ में विवाह संबन्ध की बाड़ाबन्दी हो जाना । (५४) पौरवाल ज्ञाति की अवनति के खास कारण और उनका निदान ।
(५५) सब महाजन ज्ञातियों की प्राचीन एकता और एक ही वंशवृद से निकलना और बाद में अलग २ हो जाना ।