SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 111
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १०६ ) (३३) पौरवाल ज्ञाति का प्राचीन वैभव । (३४) पौरवाल ज्ञाति की राजनीतिज्ञता । (३५) पौरवाल ज्ञाति के श्रेष्ठ वीरों के जीवन चरित्र । (प्राचीन ) ( ३६ ) पौरवाल, ओसवाल, श्रीमाल और अन्य ज्ञातियों में रोटी बेटी व्यवहार । (प्राचीन ) (३७) पौरवाल समाज की दूसरे समाजों पर उदारता । (३८) अम्बादेवी और पौरवाल समाज । ( ३६ ) भिन्न २ पेटा ज्ञातिएं कैसे हुई ? (४०) भिन्न २ पेटा ज्ञातियों के गौत्र और उनका इतिहास | ( ४१ ) पद्मावती पौरवाल । (४२) बीसा शुद्ध पौरवाल । (४३) दशा पौरवाल । (४४) अट्ठाबीसा पैौरवाल | (४५) गंगराड़े पौरवाल । (४६) झांगड़ा पौरवाल । (४७) नेता पौरवाल । (४८) कपोल पौरवाल । ( ४६ ) सोरठिया पौरवाल । (५०) पौरवाल ज्ञाति के महामन्त्री भुजाल की फूफ़ी का विवाह गुजरात के सोल की वंशीय सम्राट् कुमारपाल (प्राचीन) के साथ | याधुनिक पौरवाल ज्ञाति के पतन का इतिहास व उसको सुधारने की योजनाएं (५१) पौरवाल ज्ञाति का पतन | 3) ( ५२ ) पौरवाल ज्ञाति का छोटे २ टुकड़ों में विभाजित हो जाना । - (५३) गांव २ और परगने २ में विवाह संबन्ध की बाड़ाबन्दी हो जाना । (५४) पौरवाल ज्ञाति की अवनति के खास कारण और उनका निदान । (५५) सब महाजन ज्ञातियों की प्राचीन एकता और एक ही वंशवृद से निकलना और बाद में अलग २ हो जाना ।
SR No.541510
Book TitleMahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTarachand Dosi and Others
PublisherAkhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
Publication Year1934
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Mahavir, & India
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy