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) : (११) पौरवाल समाज में हुनर, कला, विज्ञान और व्यापारिक शिक्षण का प्रचार हो, उसके लिये एक ऐसी संस्था कायम करे कि जिसमें उपरोक्त बातों का अभ्यास कर स्वतंत्र धन्धा कर अपना निर्वाह कर सके ।
(१२) प्रत्येक पौरवाल की सामाजिक स्थिति में सहायक बनना अपना कर्तव्य समझे। ____ उपरोक्त बातों को सक्रिय करने के लिये आप अपना संगठन कर एक युवक संघ स्थापित कर दें। इसके द्वारा समाज में नूतन भावना पैदा कर प्रचार कार्य करें। प्रत्येक कार्य व्यवस्थित करें। पृथक २ युवक बल को एकत्रित कर एक ही संगठित कार्य प्रणाली द्वारा प्रत्येक व्यक्ति सहयोग दे। समाज सुधार के कार्य में स्त्री वर्ग का सहयोग लेवे ताकि फलीभूत होने में जरा भी विलम्ब न हो। .. पोरवाल सम्मेलन के प्रस्तावों को सक्रिय करने का सारा भार युवानों पर ही है अतएव आप अपना कर्तव्य समझ कर सुधार कार्य में नियमित आगे बढ़ते रहें। पीठ न दिखावें इसी में युवकों के साहस का परिचय है।
बी. पी. सिंघी
युवको समय तुमको अावाहन देता है । समय क्या मांगता है ? ... (१) विनाशकारक कुरुढियों का विनाश चाहता है ।
(२) विकास विरोधक ज्ञाति संस्था का नाश । (३) असमान दाम्पत्य जीवन का नाश चाहता है। (४) सर्व समाज-क्षयी वस्तुओं का भस्म करना चाहता है। (५) कुलीनता के मिथ्या अभिमान का चूरा चूरा करना चाहता है । (६) धर्मान्धता और उसके प्रेरक तत्वों का विनाश चाहता है। . (७) रूढी, व्हेम और पाखंड की बुनियाद को उखाड़ना चाहता है । (८) निर्बलता का देशाटन और कलुषित वातावरण का नाश चाहता है। (६) रोगों की चिकित्सा और उसका निदान चाहता है ।