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समाज दिग्दर्शन * कोषाध्यक्ष-जय चन्दजी (मालिक दुकान बीररीदासजी इन्द्रमलजी इन्दोर सी.) ___ बम्बई में मृत्यु भोजन का बहिष्कार-ता. २६-५-१६३३ बम्बई में पौरवाल जैनों की एक सभा हुई थी जिसमें श्री बामणवाड़जी में श्री अखिल भारतवर्षीय पौरवाल महासम्मेलन के प्रस्तावानुसार मृत्यु भोजन न करने का ठहराव किया गया जो अत्यन्त प्रशंसनीय है। हम इस प्रयास के लिये श्रीयुत् शा० खीमाजी भगाजी को धन्यवाद देते हैं ।
शिवगंज में मृत्यु भोज-आखिरकार हो ही गया । यद्यपि यह पोरवालमहासम्मेलन के उद्देशों से विपरीत था जिसके लिये श्री बामणवाड़जी महातीर्थ में श्री अखिल भारतवर्षीय पोरवाल महासम्मेलन के अधिवेशन में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास हो चुका है और जब यह प्रस्ताव पास हुआ शिवगंज के पोरवाल पंच मौजूद थे उन्होंने उस समय कोई विरोध नहीं किया। जब यह बात सम्मेलन को विदित हुई कि शिवगंज में गामसारणी हो रही है तब उन्होंने पौरवाल पंचों से प्रार्थना की कि गांमसारणी सम्मेलन के प्रस्तावानुसार बन्द रक्खी जाय परन्तु उसका कोई प्रत्युत्तर न आने से पंचों को तार द्वारा सूचना दी गई जिसमें पूर्ण विरोध दर्शाया गया। तत्पश्चात् अनन्तजीवप्रतिपाल योग लब्धिसम्पन्न राजराजेश्वर योगीराज शान्तिविजयजी महाराज ने भी तार द्वारा संदेश भेजा कि मृत्यु भोज न किया जाय परन्तु इस पर भी कुछ लक्ष न दिया गया। मृत्यु भोजन न करने के लिये बहुत समझाई समीकी गई परन्तु उस पर पंचों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस मृत्यु भोज में दो चार व्यक्ति अग्रगण्य पंच मृत्युभोज के लड्डू उठाने में शामिल नहीं हुए परन्तु दूसरों की मृत्युभोज कराने में पक्के हठाग्री बने । इस मृत्युभोज से कुछ युवकों ने असहकार रक्खा लेकिन इनकी संख्या थोड़ी थी इसलिये वे इसको रोकने में सफल नहीं हुए कारण कि उनके माता पिता उन पर बहुत दबाव डालते थे।
युवकों को चाहिये कि वे इससे हताश न हों परन्तु अपने जैसे अधिक युवकों को तैयार कर राक्षसी मृत्युभोज की प्रथा को बन्द कराने का खूब प्रयत्न करें।
* नोट--उपरोक्त संघ के कार्यकर्ता उत्साही हैं। आशा है कि उपरोक्त संघ मध्य भारत में प्रस्तावों को कार्य रूप में दूसरे अधिवेशन के पहिले रखेगा जिससे समाज की उन्नति शीघ्र होगी। अन्य प्रान्तों के महानुभावों से प्रार्थना है कि वे भी इसी प्रकार अपने २ प्रान्तों में कोई न कोई संस्था कायम कर प्रस्तावों का जोरों से अमल करावें। और पौरवाल जाति को पुनः अपने असली गौरव पर काने का प्रयत्न करे। और कार्य की सूचना सम्मेलन श्रोफिस सिरोही को देने की कृपा करें।