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________________ महावीर ___अखिल भारतवर्षीय पौरवाल महा-सम्मेलन के प्रतिनिधियों को सूचना-जो प्रतिनिधि महाशय श्री बामणवाड़जी में पधारे थे और जिनोंने सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास कराये हैं, उनसे निवेदन है कि वे इन प्रस्तावों का अमल अब अपने २ नगर व ग्राम में करावें और उसकी इत्तला इस पत्र में छपने को भेज देवें जो सहर्ष प्रकाशित की जायगी। पौरवाल महासम्मेलन के प्रस्तावजो छपकर आगये हैं जिस किसी को जरूरत हो भी अखिल भारतवर्षीय पौरवाल महासम्मेलन ओफिस सिरोही को लिख कर मंगा लेवें । 'महावीर' पत्र में एक मेरेज ब्यूरो (विभाग) रहेगा-जिस किसी पौरवाल महाशय का (जो इसका ग्राहक होगा) लग्न सम्बन्ध सम्बन्धी विज्ञापन बिना मूल्य एक वक्त छापा जायगा । प्राबू गोड़ का पोरवाल समाज-इन्होंने कुछ सुधार के ठहराव श्रीवामणवाड़जी में मौके पर किये हैं परन्तु उनकी लिखित इत्तला नहीं आई है। आने पर प्रकाशित कर दी जायगी । झोरा मगरा का पोरवाल समाज-सम्मेलन के प्रस्तावों को कार्य रूप में लाने के लिये इकट्ठा हो रहे हैं नतीजा आने पर प्रकाशित किया जायगा । . गोडवाड का पौरवाल समाज-सुना है कि सम्मेलन के प्रस्तावों के माफिक सुधार करने सेचली में नजदीक भविष्य में इकट्ठे होने वाले हैं। नतीजा आने पर प्रकाशित किया जायगा । इन्दौर में पौरवाज संघ की स्थापना-श्री अखिल भारतवर्षीय पौरवाल महासम्मेलन श्री बामणवाड़नी महातीर्थ (सिरोही) के सर्वानुमाति पास प्रस्तावों के अनुसार अमल जारी करने के लिये उपरोक्न संघ की स्थापना ३०-४-१९३३ के रोज हुई है । सभापति का आसन श्रीयुत कुन्दनमल नी सिरोही निवासी ने ग्रहण किया था । संघ का नाम श्री मध्य भारत पोरवाल सेवा संघ रखा गया है और उसी समय १८ सभासद हुए। कार्यकर्ताओं का चुनाव नीचे माफिक हुआ है-- प्रेसीडेन्ट-श्रीयुत धनराजजी रतलाम वाले वाईस प्रेसीडेन्ट-फूलचन्दजी वकील मंत्री-शिवनारायणजी यश लतहा उपमंत्री-छगनलालजी गगराडे
SR No.541501
Book TitleMahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC P Singhi and Others
PublisherAkhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
Publication Year1933
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Mahavir, & India
File Size18 MB
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