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________________ ४४] महावीर करणपूर्वक आराधना करते हैं कि वे आपको एवं आपके परिवार को दीर्घ प्रायुष्य प्रदान करें और आपकी भावी सन्तान भी, भापके जीवन को आदर्श रूप मानते हुए, आपकी भांति ही परोपकारमय जीवन व्यतीत करें। शासनदेव हमारी पोरवाल जाति आप जैसे अनेक दानवीर नररत्न पैदा करें, ऐसी कामना करते हुए एवं प्रापको एकबार फिर अभिनन्दन देते हुए, श्रीबामणवाडजी महातीर्थ (सिरोही राज्य) ) हम हैं- " तारीख १३ अप्रेल सन् १९३३ ई. आपके स्वजातीय बान्धवगण, सम्वत् १६६०, वैशाख कृष्णा'३ गुरुवार श्री अ०भा० पो० म० स० के प्रतिनिधिगण. कार्यकारिणी के सदस्यों के नाम स्वागत समिति के सदस्यों के नाम (१) श्रीमान् भबूतमलजी चतराजी, स्वागताध्यक्ष, देलदर (२) , एस. आर. सिंघी, महामंत्री, सिरोही (३) , हिम्मतमलजी पाडीव (४) , सिंघी अचलदासजी, रोहीरा (५) ., कपूरचन्द ऋखबदासजी, देलदर (६ ) , ताराचन्दजी, प्रेमचन्द्रजी बाली (७) , हजारीमलजी ( चन्दाजी खुशालचन्दजी ), बीजापुर भोजन कमिटी के सदस्य (१) श्रीमान् धोनेटिया रूपचन्दजी, सिरोही (२) , सिंघी नथमल रतनचन्दजी, सिरोही (३) , शा० मूलचन्दजी हांसाजी, गोई लीवाला (४) , सिंगी पूनमचन्दजी हंसराजजी, सिरोही . (५) , गुलाबचन्दजी खासाजी, जावाल .
SR No.541501
Book TitleMahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC P Singhi and Others
PublisherAkhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
Publication Year1933
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Mahavir, & India
File Size18 MB
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