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________________ अनेकान्त 69/3, जुलाई-सितम्बर, 2016 समाचार श्रुतपंचमी महापर्व पर एक अच्छा आयोजन दिल्ली। ऋषभ विहार दिल्ली के दिगम्बर जैन मन्दिर के विशाल हॉल में जैन संस्कृति के महापर्व श्रुतपंचमी के मंगल अवसर पर उपा. श्री गुप्तिसागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं पावन सान्निध्य में जैन विद्या राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 8-9 जून, 2016 को वास्तुविद् डॉ. मुकेश जैन 'विमल' के कुशल संयोजन में सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी में व्याख्यानवाचस्पति डॉ. श्रेयांसकुमार जैन बड़ौत एवं डॉ. जयकुमार जैन मुजफ्फरनगर का सशक्त एवं प्रभावी निर्देशन रहा तथा प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जयकुमार जैन 'निशांत' टीकमगढ़, ब्र. जिनेश मलैया इन्दौर, प्रतिष्ठाचार्य पं. हसमुख जी धरियावाद, डॉ. शीतलचन्द जैन जयपुर, प्रो. वृषभ प्रसाद जैन लखनऊ, डॉ. कपूरचन्द जैन खतौली एवं पं. विनोद कुमार जैन रजवांस के मार्गदर्शन ने संगोष्ठी को अभूतपूर्व गरिमा प्रदान की। संगोष्ठी में लगभग 70-75 विद्वानों की उपस्थिति रही, जिनमें 20-25 प्रतिभागियों ने अपने महत्त्वपूर्ण आलेखों का वाचन किया। अध्यक्षता प्रो. वृषभप्रसाद जैन ने की। उपाध्याय श्री गुप्तिसागर जी महाराज ने संगोष्ठी की उपयोगिता बतलाते हुए कहा कि देव-शास्त्र-गुरु की आराधना करने के लिए विद्वानों एवं प्रतिष्ठाचार्यों की सन्निधि आवश्यक है। श्रावकों की जिज्ञासाओं की सम्पूर्ति विद्वानों से ही संभव है। संगोष्ठी की सफलता में बाल ब्रह्मचारिणी रंजना दीदी का योगदान अनुकरणीय एवं प्रशंसनीय रहा। संगोष्ठी में पधारे विद्वानों ने महाश्रुत पूजा एवं जिनवाणी पालकी चल समारोह में अपनी सहभागिता से उसे सौम्य एवं आदर्श रूप देकर अनुकरणीय बनाया। इस संगोष्ठी की बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें सभी आलेख वाचक विद्वान् युवा थे तथा उन्होंने वरिष्ठ विद्वानों के मार्गदर्शन में कार्य सम्पन्न किया। यह संगोष्ठियाँ कतिपय सरकारी संगोष्ठियों की अपेक्षा असरकारी रही। समाज ऐसी संगोष्ठी बुलाकर सामाजिक समस्याओं के समाधान का प्रयास करें तो अनेकविध सामाजिक अभ्युदय हो सकते हैं। संगोष्ठी की आयोजना में ऋषभ विहार एवं विवेक विहार की दिगम्बर जैन समाज के साथ श्रुतपंचमी महोत्सव समिति के पदाधिकारीगण श्री रवीन्द्र जैन, श्री डी. के. जैन, श्री शरद जैन, श्री नवीन जैन आदि का प्रशस्य अवदान रहा। कार्यक्रम के सहसंयोजन के उत्तरदायित्व का निर्वाह श्री अनुराग जैन ने किया। एक अच्छे आयोजन के लिए हार्दिक बधाई ! - संपादक
SR No.538069
Book TitleAnekant 2016 Book 69 Ank 01 to 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2016
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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