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________________ 13 अनेकान्त 69/2, अप्रैल-जून, 2016 उक्त आठ अंग वे ही हैं जो पतञ्जलि ने योगसूत्र में परिगणित किये हैं। हाँ, इनमें किञ्चित् क्रमपरिवर्तन अवश्य है तथा कुछ नाम परिवर्तन भी है। पतञ्जलिकथित यम के स्थान पर संयम और आसन के स्थान पर करण शब्द का प्रयोग हुआ है तथा मोक्षमार्ग में ध्यान साक्षात् मोक्ष का कारण माने जाने के कारण उसे अन्त में रखा गया है। विद्य सोमदेव आगे लिखते हैं इस समस्त अंगों के द्वारा किया गया योग प्राणियों की मुक्ति के लिए होता है। अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह ये पाँच व्रत योग के प्रकरण में संयम कहे जाते हैं। शौच, तप, संतोष, स्वाध्याय और देवस्मरण ये पाँच नियम हैं। करण आसन को कहते हैं। श्वासोच्छ्वास की स्थिरता प्राणायाम है तथा विषयों से इन्द्रियों की निवृत्ति करना प्रत्याहार है। संसार का नाश करने वाले वाक्यों का चिन्तन करना समाधि है। स्थिरता के कारण को ध्यान कहते हैं तथा पदार्थ के चिन्तन में चित्त का लगाना धारणा है। ध्यान चाहे स्थूल हो या सूक्ष्म हो, साकार हो या निराकार हो, ध्येय पर चित्त का स्थिर हो जाना ध्यान का कारण होता है। संयमादि अष्टांग योग है। यह सर्वातिशयसम्पन्न ध्यान कल्याण का कारक है।13 षट्खण्डागम की आचार्य वीरसेन स्वामी द्वारा रचित धवला टीका में ध्यान के प्रकरण में मात्र धर्मध्यान एवं शुक्लध्यान इन दो ध्यानों का ही वर्णन किया गया है, जबकि अन्यत्र प्रायः आर्तध्यान, रौद्रध्यान, धर्मध्यान और शुक्लध्यान इन चार ध्यानों का वर्णन उपलब्ध होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि संवर और निर्जरा के कारणभूत तप का प्रकरण होने से आचार्य वीरसेन स्वामी ने धर्म एवं शुक्ल इन दो ध्यानों का ही कथन किया है। उन्होंने संसार परिभ्रमण के कारणभूत होने से आर्तध्यान एवं रौद्रध्यान का कथन नहीं किया है। तत्त्वार्थसूत्र, ध्यानशतक, ज्ञानार्णव, तत्त्वानुशासन आदि ग्रन्थों में ध्यान के चार भेद करके आदि के दो आर्त एवं रौद्र ध्यानों को संसार का कारण तथा अन्त के दो धर्म एवं शुक्ल ध्यानों को मोक्ष का कारण प्रतिपादित किया है। यथा - 'आर्तरौद्रधर्म्यशुक्लानि। परे मोक्षहेतू।'१५ 'अटै रुद्ध धम्म सुक्कं झाणाइं तत्थ अंताई।
SR No.538069
Book TitleAnekant 2016 Book 69 Ank 01 to 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2016
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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