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अनेकान्त 68/1, जनवरी-मार्च, 2015
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भूमिका, पृ. 14 (पं. कैलाश चन्द्र शास्त्री) उद्धृत वीरवर चामुण्डराय- श्रेयांस कुमार जैन, अर्हत् वचन, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, वर्ष 18, अंक-1, जनवरी-मार्च 2006, पृ. 35-39 9.नेमिचन्द्र ज्योतिषाचार्य:तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, खण्ड-2, पृ. 21 10. वीरवर चामुण्डराय - श्रेयांस कुमार जैन, अर्हत् वचन, पृ. 38 11. वीरवर चामुण्डराय - श्रेयांस कुमार जैन, अर्हत् वचन, पृ. 36 12. बाहुबली के राज्यक्षेत्र तक्षशिला की राजधानी 13. वीरवर चामुण्डराय - श्रेयांस कुमार जैन, अर्हत् वचन, पृ. 35-36 14. श्रवणबेलगोला : अतीत से वर्तमान, अर्हत् वचन, पृ. 9 15. गोम्मटेश्वर बाहुबली और गोमटेस थुदि : एक अनुशीलन- भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु', अर्हत् वचन, पृ. 29 16. बाहुबलीचरित, श्लोक-6 17. बाहुबली, (जस्टिस मांगीलाल जैन),प्रकाशक- दि. जैन विद्यानंद शोधपीठ, बड़ौत 18. त्रिलोकसार, भाषा वचनिका - पं. टोडरमल जी, 19. गोम्मटकर्मकाण्ड गाथा 967 20. गोम्मटसार 21. गोम्मटसार जीवकाण्ड, मन्द प्रबोधिनी टीका, 503 22. गो.कर्म. 968 23. गोम्मटसार जीवकाण्ड, भूमिका पृ.14, पं. कैलाशचन्द शास्त्री 24. कर्मकाण्ड (गोम्मटसार), गाथा 1 25. कर्मकाण्ड (गोम्मटसार), गाथा 45 26. कर्मकाण्ड (गोम्मटसार), गाथा 1 27. कर्मकाण्ड (गोम्मटसार), गाथा 258 28. गोम्मटसार जीवकाण्ड गाथा 980-971 29. गोमटेश गाथा, पृ. 187
___30. जैनेन्द्र सिद्धांत कोश, भाग-2, शब्द-चामुण्डराय,
जैनदर्शनाचार्य, एम.फिल
शोध छात्र,जैन बौद्धदर्शन विभाग, काशी हिन्दी विश्वविद्यालय, वाराणसी-221007