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अनेकान्त 68/1, जनवरी-मार्च, 2015 उस नियम के अन्तर्गत रहते हुए द्रव्य से द्रव्यान्तरण असम्भव हो तो क्या होना चाहिये वह अर्थ जो कि सन्दर्भ-संगति की इस कसौटी पर खरा उतरे?
पहली नज़र में ही इतना तो समझ में आता है कि परिणामों के लिये प्रयुक्त इस विशेषण में, संज्ञावाची ‘क्रम' शब्द कालक्रम, काल की अपेक्षा उत्तरोत्तरता या एक-के-बाद-एकपने को सूचित नहीं करता (हालाँकि अनुवादकों द्वारा ऐसा समझ लिया गया है); क्योंकि यदि हम परिणामों के ‘क्रमवर्तित्व' अथवा 'क्रमिकता' को दृष्टि में लेते हैं तो उसकी सन्दर्भ से तनिक भी संगति नहीं बैठती। दूसरी ओर, कुछ दूसरे लोगों द्वारा प्रस्तावित 'क्रमबद्धता' की परिकल्पना (hypothesis) पर यदि विचार करते हैं तो उसकी भी कोई संगति नहीं बनती। कारण सीधा-सा यह है कि पर्यायों की 'क्रमिकता/क्रमवर्तित्व' अथवा कथित ‘क्रमबद्धता', दोनों ही अवधारणाओं (concepts) में ऐसी कोई विशेषता नहीं है कि जो प्रकृत सन्दर्भ द्वारा अपेक्षित 'द्रव्यान्तरण की असंभवता' को सुनिश्चित कर सके (अथवा यदि स्वयं पर्यायों में ही कोई ऐसी विशेषता है तो उस तथ्य को समुचित अभिव्यक्ति दे सके)।
संस्कृतभाषा के भी प्रकाण्ड विद्वान, श्रीमद् अमृतचन्द्राचार्य ने 'क्रम' शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया है। मोनियर्-विलियम्स् के अनुसार ‘क्रम्' धातु का प्रधान अर्थ है'३ : to step, walk, go, go towards, approach; तथा आप्टे के अनुसार : चलना, पदार्पण करना, जाना; एवं ‘क्रम' संज्ञा का प्रधान अर्थ है१५, : a step, going, proceeding, कदम, पग, गति। अब, ऊपर दिये गए आगम-प्रमाणों के आलोक में, ‘क्रमनियमन' का सन्दर्भानुसारी अर्थ इस प्रकार समझ में आता है : ‘क्रमनियमित पर्यायों' से तात्पर्य है, ऐसे नियमित या नियन्त्रित कदम रखने वाली पर्यायें कि द्रव्यस्वभाव की सीमा का उल्लंघन न हो। ज्ञातव्य है कि द्रव्यानुयोग में 'गति' हमेशा से ही परिणमन की प्रतीक रही है; जैसा कि पंचास्तिकाय में स्वयं आचार्य कुन्दकुन्द 'द्रवति गच्छति तान् तान्. ..... पर्यायान्'१६ द्वारा व्यक्त करते हैं; अथवा जैसे 'समय' शब्द की व्युत्पत्तिपरक परिभाषा में कहा गया है : 'सम्यक् त्रिकालावच्छिन्नतयाऽयन्ति गच्छन्ति प्राप्नुवन्ति स्वगुणपर्यायानिति समयाः पदार्थाः।१७ और द्रव्य व पर्यायों की इस कथंचित् भेदविवक्षा वाली, प्रतीकात्मक भाषा में चाहे द्रव्य को 'गमन करते हुए उन-उन पर्यायों तक पहुँचने वाला' कहा जाए या चाहे पर्यायों को 'द्रव्यरूपी