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________________ अनेकान्त 67/3, जुलाई-सितम्बर 2014 श्लेष उपमा रूपक उत्प्रेक्षा परिसंख्या विरोधावास तथा उल्लेख आदि अलंकारों के कारण काव्य अत्यन्त सुन्दर ही गया है पद्य काव्य में कवि ने अपनी वर्णनीय वस्तुओं को इस सुन्दर क्रम से आह्लादित करने वाली हो जाती है। हम प्रतिदिन देखते हैं कि प्राची से सूर्य उदय हो रहा है आकाश में रात्रि के समय असंख्य तारों का समूह और उज्ज्वल चन्द्रमा चमक रहा है कल-कल करती हुई नदियां बह रही हैं। वन के हरे-भरे मैदानों में हरिणों के झुण्ड चौकड़ियाँ भर रहे हैं। मकानों के छज्जों पर बैठे कबूतरों को पकड़ने की घात में बिल्ली दुबककर बैठी हुई है। पूँछ हिलाता और लीद करता हुआ एक घोड़ा हिन-हिना रहा है। और बिजली की कौंध से बच्चे तथा स्त्रियाँ भयभीत हो रही है। उन सब दृश्यों में आह्लाद कहाँ? दर्शक के हृदय में रस कहाँ उत्पन्न होता है। किन्तु यही सब वस्तुएँ जब किसी कवि की लेखनी रूपी तूलिका से सजाकर रख दी जाती है। तो काव्य बन जाती है और श्रोताओं के हृदय आनंद से भर जाता है। कवि जहाँ स्त्री-पुरूषों का नख शिख वर्णन करता हुआ उनके बाह्य सौन्दर्य का वर्णन करता है वहाँ उनकी आभ्यन्तर पवित्रता का वर्णन भी करता चलता है। राजा सत्यंधर का पतन उनकी विषया शक्ति का परिणाम है यह बतलाकर भी कवि उनकी श्रद्धा और धार्मिकता के विवेक की अन्त तक जाग्रत रखता है युद्ध के मैदान में भी वह सल्लेखना धारण कर स्वर्ग प्राप्त करता है। ३. वादीभसिंह की स्याद्वाद सिद्धि के छठे प्रकरण के १९वीं कारिका में भट्ट और प्रभाकर का नामोल्लेख करके उनके अभिमत भावना नियोग रूप वेदवाक्यार्थ का निर्देश किया गया है। तथा कुमारिल भट्ट के मीमांसा श्लोकवार्तिक से कई कारिकाएँ उद्धतकर उनकी आलोचना की गई है। बाध का परिहार- गद्यचिंतामणि और क्षञ्चूडामणि में जो जीवन्धर चरित निबंध है वह गुणभद्राचार्य के उत्तरपुराण से लिया गया है और उत्तरपुराण की रचना शताब्दी ७७० ई.८४८ ई. के लगभग हुई है। वादीभसिंह गुणभद्राचार्य से परवर्ती हैं। बल्लभ कवि ने भोजप्रबन्ध में उल्लेख किया है कि एक बार किसी ने कालिदास के सामने धारानरेश भोज की झूठी मृत्यु का समाचार सुनाया जिसे सुनकर कालिदास ने कहा
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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