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________________ अनेकान्त 67/3, जुलाई-सितम्बर 2014 अलाप पद्धति में पर्याय का लक्षण और भेद बतलाते हुए कहा है"गुण विकाराः पर्यायास्ते द्वेधा अर्थव्यञ्जन पर्याय भेदात्" अर्थात् गुणों के विकार को पर्याय कहते हैं। वे पर्यायें दो प्रकार की है १. अर्थ पर्याय, २. व्यञ्जनपर्याय। आचार्य अमृतचन्द्र स्वामी ने बतलाया है - गुणों के द्वारा अन्वयरूप एकता के ज्ञान का कारण जो पर्याय हो, वह गुण पर्याय है। जैसे वर्ण गुण की हरी पीली आदि पर्याय होती हैं, हर एक पर्याय में वर्ण गुण की एकता का ज्ञान है, इससे यह गुण पर्याय है।" समस्त द्रव्यों में रहने वाले अपने अपने अगुरुलघु गुण द्वारा प्रतिसमय होने वाली छह प्रकार की हानि वृद्धि रूप पर्याय स्वभाव गुण पर्याय है। तथा पुद्गल स्कन्ध के रूपादिगुण और जीव के ज्ञानादि गुण जो पुद्गल के संयोग से हीनादिक रूप परिणमन करते है। वह विभाव गुण पर्याय है। जैसे जीव द्रव्य में ज्ञान गुण की केवलज्ञानपर्याय स्वभाव पर्याय है किन्तु संसार दशा में उस ज्ञान गुण का जो मतिज्ञान आदि रूप परिणमन, कर्मों के संयोगवश हो रहा है, वह विभाव पर्याय है। द्रव्य पर्याय के स्वभाव पर्याय और विभावपर्याय दो भेद होते हैं, और गुणपर्याय के भी स्वभाव पर्याय तथा विभाव पर्याय दो भेद कहे गये हैं। अर्थ पर्याय और व्यञ्जन पर्याय के भेद से भी पर्याय के दो भेद किये गये हैं। अर्थ पर्याय सूक्ष्म है, प्रतिक्षण नाश होने वाली है तथा वचन के अगोचर है और व्यञ्जन पर्याय स्थूल होती है, चिरकाल तक रहने वाली वचनगोचर व अल्प ज्ञानियों के दृष्टिगोचर भी होती है। अर्थपर्याय और व्यञ्जन पर्याय में काल कृत भेद हैं क्योंकि समयवर्ती अर्थ पर्याय है और चिरकाल स्थायी व्यञ्जन पर्याय है। ज्ञानार्णव में दोनों प्रकार की पर्यायों के विषय में कहा है मूर्तोव्यञ्जन पर्यायो वाग्गम्योऽनश्वरः स्थिरः। सूक्ष्मः प्रतिक्षणध्वंसी पर्यायश्चार्थ संज्ञिकः।।६/४५ व्यञ्जन पर्याय मूर्तिक है, वचन के गोचर है। अनश्वर है स्थिर है और अर्थ पर्याय सूक्ष्म है। क्षण ध्वंसी है। वसुनन्दि आचार्य ने भी इसी प्रकार से प्रतिपादन किया है। अर्थ और व्यञ्जन पर्यायें भी स्वभाव और विभाव के भेद से दो दो प्रकार की होती हैं।
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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