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________________ अनेकान्त 67/2, अप्रैल-जून 2014 विधान है। आज जब श्रमणों में मठाधीशपने की प्रवृत्ति पनप रही हो तथा अनियत विहार की प्रवृत्ति का अभाव सा होता जा रहा हो तब श्रमणाचार विषयक शास्त्रों के स्वाध्याय की श्रमण एवं श्रावक दोनों को अत्यन्त आवश्यकता है। इसके बिना इस विसंगति का निदान कथमपि संभव नहीं है। मूलाचार में कहा गया है कि अपरिग्रही मुनि को बिना किसी भी अपेक्षा के हवा की भांति लघुभूत होकर मुक्तभाव से ग्राम, नगर, वन, आदि से युक्त पृथिवी पर समान रूप से विचरण करना चाहिए।१८। __ आचारवृत्ति में कहा गया है कि अनियतवास का नाम विहार है। सम्यग्दर्शन आदि को निर्मल करने के लिए सर्वदेश में विहार करना विहारशुद्धि है। भगवती आराधना में अनियत विहार के गुणों का वर्णन करते हुए कहा गया है कि अनेक देशों में विहार करने से क्षुधा भावना, चर्याभावना का पालन तो होता ही है, उन अनियतविहारी चारित्रधारी मुनियों को देखकर अन्य मुनि भी चारित्र एवं योग के धारक तथा सम्यक् लेश्या वाले बन जाते हैं। इस प्रकार अनियतविहार के अनेक लाभों की चर्चा श्रमणाचार विषयक ग्रन्थों में की गई है। (३) व्यवहार : श्रमणों के व्यवहार में वर्तमान में अनेक विसंगतियाँ दृष्टिगोचर हो रही हैं। श्रमण शिष्यलोलुपता के कारण अयोग्यों को दीक्षा दे रहे हैं तथा नवदीक्षित शिष्य आचार्य के अनुशासन का निरादर करते हुए स्वयं आचार्य/ उपाध्याय बनने की मैराथन दौड़ में लग रहे हैं। ऐसे श्रमणों को मूलाचार में स्पष्टतया कहा गया है कि जो पहले शिष्यत्व न करके आचार्य होने की जल्दी करता है, वह ढोंढाचार्य है। वह मदोन्मत्त हाथी के समान निरंकुश भ्रमण करता है। समाज को चाहिए कि साधुओं का संकेत होने पर भी आचार्य के द्वारा पदारोहण न किये जाने पर उन्हें आचार्य। उपाध्याय सदृश पद न दे तथा उन्हें साधु परमेष्ठी के रूप में ही मोक्षमार्ग प्रशस्त करने दे।क्योंकि पद मोक्षमार्ग में साधक नहीं, अपितु बाधक ही हैं। आचार्य परमेष्ठी भी आजकल अन्य संघीय साधुओं को खूब उपाध्याय, ऐलाचार्य या आचार्य पद प्रासादिक मिष्टान्न की तरह वितरित कर रहे हैं। उन्हें भी यह सोचने की आवश्यकता है कि कहीं वे उनके मधुमेह को
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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