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________________ अनेकान्त 66/1, जनवरी-मार्च 2013 (समारोह अध्यक्ष) श्री सुभाष जैन (अध्यक्ष वीर सेवा मन्दिर), श्री निर्मल किशोर जैन (पद्म किशोर जैन चेरिटेबल ट्रस्ट) के द्वारा किया गया। समारोह अध्यक्ष न्यायमूर्ति माननीय अभय गोहिल जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में जैनधर्म और विज्ञान विषय में शोध की अपार संभावनाओं की बात कही। उन्होंने कहा कि चिन्तन का विषय जैनधर्म की वैज्ञानिकता को सिद्ध करने का नहीं अपितु हमारे आगमों से निहित वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विषयों पर शोध किया जाना आवश्यक है। इन्हीं विचारधाराओं से जैनदर्शन के अनेकान्त सिद्धान्त ने जन्म लिया, जिसकी आज व्यापक रूप से स्वीकारिता है। व्याख्यानमाला में आये हुए वक्ताओं और श्रोतागणों को उन्होंने इस चिन्तन की शुरुआत के लिये बधाई दी तथा व्याख्यानमाला में प्रस्तुत किये गये व्याख्यानों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को उजागर करने हेतु आमंत्रित किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ भगवान महावीर के चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन एवं ध्वजारोहण मंचस्थ विभूतियों और वीर सेवा मन्दिर के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। जिनवाणी की पूजन एवं मंगलाचरण पं. आलोक कुमार जैन (उपनिदेशक) ने किया। समारोह अध्यक्ष एवं आमंत्रित जैन वैज्ञानिकों का स्वागत वीर सेवा मन्दिर के महामंत्री एवं मंत्री ने तिलक एवं माल्यार्पण द्वारा किया। श्रीमती गोहिल एवं डॉ. नीलम जैन का सम्मान माल्यार्पण और तिलक लगाकर श्रीमती नन्दिनी जैन एवं श्रीमती रानू जैन ने किया। संस्था अध्यक्ष श्री सुभाष जैन ने संस्था का परिचय एवं उद्देश्य बताये। महामंत्री श्री विनोद कुमार जैन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर, संपादक 'अनेकान्त' ने किया। मंत्री श्री योगेश जैन ने उपस्थित सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया। शोध उपसमिति के संयोजक माननीय सदस्य श्री रूपचंद कटारिया द्वारा जिनवाणी स्तुति के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस समारोह में देश के गणमान्य विद्वान, वीर सेवा मन्दिर के पदाधिकारीगण, प्रबुद्ध समाज श्रेष्ठी पधारे जिनमें प्रमुख-सर्वश्री प्रो. एम. एल. जैन (संपादक मण्डल अनेकान्त), धर्मभूषण जैन एफ.सी.ए., डॉ. नरेन्द्र कुमार जैन गाजियाबाद, डॉ. रमेश चन्द्र जैन बिजनौर, डॉ. सुरेश चन्द जैन, प्रदीप जैन, डॉ. अनेकान्त जैन (ला. ब. शा. रा. सं. विद्यापीठ), धनपालसिंह जैन एवं श्रीकिशोर जैन (नैतिक शिक्षा समिति), डॉ. रजनीश शुक्ल, डॉ. अनिल गुप्ता (सेवानिवृत्त वैज्ञानिक- डी.आर.डी. ओ. रक्षा विभाग), अनिल जैन (राजधानी पेपर), डॉ. मुकेश जैन, पं. सोनल जैन, आचार्य अशोक 'सहजानंद' आदि उपस्थित थे। योगेश जैन विनोद कुमार जैन मंत्री महामंत्री (नोट : व्याख्यानमाला की चित्रमय झलकियाँ कवर पृष्ठ २ एवं ३ पर देखें)
SR No.538066
Book TitleAnekant 2013 Book 66 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2013
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
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