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________________ IL अनेकान्त 66/4, अक्टूबर-दिसम्बर 2013 वास्तु शांति के लिए मांगलिक चिन्हों की स्थापनावास्तु (गृह) में रहने वाले और वास्तु में प्रवेश करने वाले (अतिथि) की प्रवृत्ति सकारात्मक बनी रहे इसलिए वास्तु में मांगलिक चिन्हों की संरचना एवंमांगलिक वस्तुओं की स्थापना की जाती है। ऐसे कुछ मांगलिक चिन्ह इस प्रकार हैं १. ट (स्वस्तिक) - स्वस्तिक का आकार संसार की संरचना, संसार का नाश, चारगति, चार दिशा और चार अनुयोग का सूचक है।अतः इसका दीवारों पर, मकान के सर्वोच्च स्थान पर बनाए जाना; जहाँ से सभी को मकान की ओर प्रथम दृष्टि डालते ही दिखाई दे; शुभ होता है। इसे प्रमुख द्वार पर प्रमुखता से चित्रित करना चाहिए।खाता-बही, धर्म ग्रंथ, तिजोरी, अलमारी या जो भी नयी वस्तु घर में आती है।सर्वप्रथम उन परस्वस्तिक बनाना चाहिए।यह ऋद्धि-सिद्धि दायक भी माना जाता है। देखने में सुखद प्रतीत होता है। इसे किसी भी समय, किसी भी स्थान पर उल्ट नहीं बनाना चाहिए। २.र(नन्द्यावर्त स्वस्तिक)-नन्द्यावर्त स्वस्तिक की संरचना भी गृह में शांति एवं सुखदायक होती है। जैन धर्मानुयायी नन्द्यावर्त स्वस्तिक का उपयोग करते हैं।यह दसों दिशाओं का भी सूचक होता है।इससे अहिंसक भावना का संचार होता है। ___ ३.छ(ॐ)- ओ३म् गृह के मुख्य द्वार की चौखट के बीच में लगाना चाहिए। यह पंचपरमेष्ठी का सूचक है। संसार के आधे से अधिक धर्म और दर्शनों में इसे ब्रह्म का वाचक माना गया है। यह प्रथम बीजाक्षर मंत्र है। इसके देखने से शक्ति का संचय होता है तथा मन में शांति की तृप्ति होती है। इससे पंचपरमेष्ठी के प्रति आस्था प्रकट होती है और आस्तिकता का संचार होता है। ४.(मंगल कलश)- वास्तु के ईशानकोण में नारियल युक्तधातुया मृत्तिका कलश की स्थापना करनी चाहिए। यह कलश पंचरंग सूतवेष्टित, हल्दी गांठ, सपारी.पीली सरसों, अक्षत-पष्प रजत स्वस्तिक.पंचरत्न.रजत सिक्का.जल आदि से परित होना चाहिए तथा कलश के ऊपर केसर से चारों ओर स्वस्तिक बने होना चाहिए। गृह प्रवेश के समय जिन मंदिर में दर्शन पूजन के उपरांत वास्तुनिर्माता दंपति मंगल कलश को लाकर ही गृह प्रवेश करते हैं। यह धन धान्य से भरे होने की सूचना देता है।
SR No.538066
Book TitleAnekant 2013 Book 66 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2013
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
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