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________________ अनेकान्त 66/4, अक्टूबर-दिसम्बर 2013 वीरांगना सावियव्वे - वीरांगना सावियव्वे श्रावक-शिरोमणि, वीरमार्तण्ड,महासेनापति चामुण्डराय (१०वीं सदी) की समकालीन थी। उसके पति का नाम लोकविद्याधर था, जो बड़ा ही वीर एवं पराक्रमी था।वह गंग-नरेश रक्ससंग का भानजा था।सावियव्वे को छुटपन से ही रण-विद्या की शिक्षा दी गई थी। उसमें वह बड़ी कुशल सिद्ध हुई।अपनी इसी विशेषता के कारण दिग्विजयी जैन-सम्राट खारवेल की महारानी सिन्धुला के समान ही, एक ओर तो वह अपने पति के साथ वीरता-पूर्वक युद्ध का साथ देती थी और दूसरी ओर अतिरिक्त समयों में वह नैष्ठिक श्राविका-व्रताचार का पालन भी करती थी। श्रवणबेलगोल की बाहुबलि-बसति के पूर्व की ओर एक पाषाण में टंकित लेख में इस वीरांगना को रेवती-रानी जैसी पक्की श्राविका,सीता जैसी पतिव्रता, देवकी जैसी रूपवती, अरुन्धती जैसी धर्म-प्रिया और जिनेन्द्र-भक्त बतलाया गया है। उसी प्रस्तर में एक अन्य दृश्य भी उत्कीर्णित है, जिसमें इस वीर महिला को घोड़े पर सवार दिखलाते हुए हाथ में तलवार उठाए, अपने सम्मुख आते हुये हाथी पर सवार एक योद्धा पर प्रहार करते हुये चित्रित किया गया है। घटना-स्थल का नाम बगेयूर लिखा हुआ है। बहुत सम्भव है कि यह बेगयूर वहीदुर्ग हो, जिस पर आक्रमण करके महासेनापति चामुण्डराय ने राजा त्रिभुवन वीर को युद्ध में मारकर बैरिकुलकालंदण्ड का विरुद्ध प्राप्त किया था। बहुत सम्भव है कि इसी युद्ध में लोक-विद्याधर और उसकी वीरांगना पत्नी-सावियब्वे भी चामुण्डराय की ओर युद्ध में सम्मिलित हुए हों? दृढ़-संकल्पी-माता-कालल-देवीः कर्नाटक को दक्षिणांचल की अतिशय-तीर्थभूमि-श्रवणबेलगोला के निर्माण का श्रेय जिन यशस्विनी महिमामयी महिलाओं को दिया गया है, उनमें प्रातः स्मरणीया तीर्थस्वरूपा माता कालल देवी (१०वीं सदी) का स्थान सर्वोपरि है। यह वही सन्नारी है, जिसने पूर्वजन्म में सुकर्म किये थे और फलस्वरूप वीर पराक्रमी रणधुरन्धर सेनापति चामुण्डाराय जैसे देवोपम श्रावकशिरोमणि पुत्ररत्न की माँ बनने का सौभाग्य प्राप्त किया था। ___ वह प्रतिदिन शास्त्र-स्वाध्याय के लिए दृढ़-प्रतिज्ञा थी।उसने एक दिन अपने गुरुदेव आचार्य अजितसेन के द्वारा आदिपुराण में वर्णित पोदनपुराधीश-बाहुबली
SR No.538066
Book TitleAnekant 2013 Book 66 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2013
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
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