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________________ भगवान अरिष्टनेमि का जीवन दर्शन : एक ऐतिहासिक अध्ययन __ - डॉ. समणी संगीतप्रज्ञा तीर्थङ्कर ऋषभदेव की परम्परा में बाईसवें तीर्थकर अरिष्टनेमि हुए, जो बड़े प्रभावशाली महापुरुष थे। अनेक जन्मों को पार करने के बाद वे यमुना तट पर अवस्थित शौर्यपुर के राजा समुद्र विजय और रानी शिवादेवी के पुत्र रूप में जन्मे। यादववंशी समुद्रविजय के अनुज का नाम था वसुदेव, जिनकी दो रानियां थीं, रोहिणी और देवकी। रोहिणी के पुत्र का नाम बलराम या बलभद्र था और देवकी के पुत्र थे श्रीकृष्ण। ____ महापुरुष श्रीकृष्ण और अरिष्टनेमि की अनेक बाल लीलाएं प्रसिद्ध हैं, उनके बीच शक्ति प्रदर्शन भी अनेक बार हुआ है, जिनमें अरिष्टनेमि सदैव जीतते रहे हैं। यह शायद उनके ब्रह्मचर्य का प्रताप रहा है। अरिष्टनेमि के विवाह का आयोजन भोजवंशी उग्रसेन की पुत्री राजीमती के साथ हुआ, पर विवाह के लिए वध्य पशुओं को देखकर उनके मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया और वे जिनदीक्षा लेकर तपस्या करने निकल पड़े। राजीमती ने भी बाद में दीक्षा ले ली। अरिष्टनेमि ने कठोर तपस्या करते हुए केवलज्ञान प्राप्त किया और फिर वे सिद्ध हो गये। उनकी यह भविष्यवाणी अक्षरशः सिद्ध हुई कि यादवों की उदण्डता के कारण द्वैयापन मुनि के क्रोध से द्वारिका नगरी बारहवें वर्ष में जल जाएगी। तीर्थकर ऋषभदेव के बाद जैनधर्म और परम्परा के विकास का सूत्रपात हुआ। उत्तरवर्ती तीर्थकरों का काल आया और लगभग नेमिनाथ तक ऐसा काल रहा जिसके विषय में इतिहास अभी तक मौन है। पर साहित्यिक और पौराणिक परम्परा उनका विस्तृत परिचय अनुस्यूत किये हुए है। उनके संदर्भ में किसी को कोई मतभेद नहीं है। अतः पुरातत्त्व की भले ही सीमा रही हो पर इतिहास परम्परा को बिलकुल झुठला नहीं सका। अन्तिम दो तीर्थकरों की ऐतिहासिकता में तो अब कोई संदेह ही नहीं है। इन बाईसवें तीर्थकर नेमिनाथ के काफी उल्लेख प्राचीन ग्रन्थों में मिलते हैं। अंगुत्तर निकाय के धम्मिक सुत्त उन्हें “अरनेमि' नाम दिया है, दीघनिकाय के इसीगिली सुत्त उन्हें "दृढनेमि” कहकर स्मरण करता है, तो ऋग्वेद और यजुर्वेद नेमि और अरिष्टनेमि कहकर पुकारते हैं। उपनिषद् साहित्य में उल्लिखित अंगिरस ऋषि नेमिनाथ का प्रतिनिधित्व करते दिखाई देते हैं।
SR No.538066
Book TitleAnekant 2013 Book 66 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2013
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
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