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________________ व्याख्यानमाला आयोजित की गई। इसमें डॉ. धर्मचन्द्र जैन जोधपुर ने जैन एवं बौद्ध, डॉ. जयकुमार जैन मुजफ्फरनगर ने जैन एवं वैदिक, डॉ. वीरसागर जैन दिल्ली ने जैन एवं ईसाई तथा डॉ. रमेशचन्द्र जैन बिजनौर ने जैन एवं इस्लाम पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। इसके अलावा प्रस्तुत विशेषांक में डॉ. त्रिलोकचन्द कोठारी का ईसाई व इस्लाम धर्म का उद्भव एवं शिक्षाएं, जैनदर्शन एवं पातञ्जलयोग दर्शन का तुलनात्मक अनुशीलन (डॉ. अशोक कुमार जैन, बीएचयू) मीमांसा दर्शन और जैनधर्म का तुलनात्मक अध्ययन (कुलदीप कुमार जैन), डॉ. अनेकान्त जैन का जैनधर्म और ईस्लाम आदि के तुलनात्मक अध्ययन विषयक महत्त्वपूर्ण आलेख भी समाहित किये गये हैं। प्रस्तुत विशेषांक की कुछ सामग्री जुटाने में प्रो. एम. एल. जैन (संपादक मण्डल सदस्य) का विशेष सहयोग रहा है जिन्होंने स्वयं एक आलेख एवं उससे संबन्धित संदर्भित पाठ्य सामग्री की सूची प्रदत्त की है । वीर सेवा मन्दिर के निदेशक प्राचार्य निहालचंद जैन ने भी इस अंक को संवारने में अपने महत्त्वपूर्ण सुझाव एवं सहयोग दिया । इन विद्वानों के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूँ । यद्यपि विचार वैभिन्य के कारण किन्हीं भी दो विचार धाराओं में सर्वथा ऐक्य संभव नहीं है किन्तु उनमें प्रतिपादित कतिपय जीवनमूल्यों में साम्य अवश्य है । मुझे विश्वास है कि इस साम्य के विवेचन से विविध सामाजिक वर्गों में जो सहिष्णुता की भावना वृद्धिंगत होगी, उससे निश्चित ही देश में सौहार्द का वातावरण निर्मित होगा । अनेकान्त (शोध त्रैमासिकी) के लिए समस्त विद्वान लेखकों का इसी प्रकार सहयोग भविष्य में बना रहेगा, इसी आशा के साथ - डॉ. जयकुमार जैन
SR No.538065
Book TitleAnekant 2012 Book 65 Ank 02 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2012
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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