SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 46
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनेकान्त 64/1, जनवरी-मार्च 2011 28. आर्य! निर्णये वयं प्रमाणम्। शेषे तु राजा। मृच्छकटिक, अंक 9-7 29. मृच्छकटिक, 9/10 30. याज्ञवल्क्य , 2/5 31. मिताक्षरा, 2/1 32. कपूर, शैलेन्द्रनाथ, प्राचीन भारतीय राजतंत्र, पृष्ठ 53 33. युक्तिकल्पतरु, व्यवहारकाण्ड; नारदस्मृति 2/2 34 पादताडितक, पृष्ठ 213 35. मृच्छकटिक, 9/39 36. गोयल, श्रीराम, गुप्त साम्राज्य का इतिहास, पृष्ठ 388-89 37. स्मृतिचन्द्रिका, भाग-2, पृ. 91 38. शुक्रनीति, 4/689 39. मृच्छकटिक, 9/43 40. हनुमान्नाटक, 14/54 41. मृच्छकटिक, अंक 9 42. पादताडितक, श्लोक 89-81 43. मत्तविलास, पृष्ठ 31 44. मानसोल्लास, 2/2/933; मृच्छकटिक, 9/4 45. राजनीतिरत्नाकर, 'पटना' संस्करण, पृष्ठ 18 45 क.अमरकोष, 3/3/183; 5/2/127; उ. 2/27 46. त्रिपाठी, हरिनाथ, प्राचीन भारत में राज्य और न्यापालिका, पृष्ठ 140 47. वीरमित्रोदय, पृष्ठ 42 48. वाजपेयी, अम्बिकाप्रसाद, हिन्दू राजशास्त्र, पृष्ठ 233 49. मनुस्मृति 8/1-2; याज्ञवल्क्य 2/1; शुक्रनीति 4/548-49 50. शुक्रनीति 2/418; 4/537 51. याज्ञवल्क्य 1/312-13 पर मिताक्षराटीका 52. पौरोहत्यं जाने विगये दृष्य जीवनम्।। अध्यात्मरामायण, अयोध्याकाण्ड, 2/228 53. त्रिपाठी, हरिनाथ, प्राचीन भारत में राज्य और न्यायपालिका, पृष्ठ 149 54. पादताडितक, श्लोक 80 55. अभिज्ञानशाकुन्तलम् अंक-1 ***** -एसोसिएट प्रोफेसर (राजनीति विज्ञान विभाग) एस. डी, कॉलेज, मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश)
SR No.538064
Book TitleAnekant 2011 Book 64 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2011
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy