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________________ अनेकान्त 61-1-2-3-4 189 214. पद्मपुराण के अनुवादक डॉ. पन्नालाल जैन साहित्याचार्य ने शतरथ के बाद सूर्यरथ तक पांच ___ राजाओं के नाम अनुवाद में छोड़ दिये हैं इसलिए 'जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश' भाग 1, पृष्ठ 355 में भी ये नाम परिगणित नहीं हो सके हैं। द्रष्टव्य : पद्मपुराण, अनुवाद, भाग-1, पृष्ठ 469 215. ततो ब्रह्मरथो जातश्चतुर्वक्त्रस्ततोऽभवत्। तस्माद्धेमरथी जज्ञे जातः शतरथस्ततः।। उदपादि पृथुस्तमादजस्तस्मात् पयोरथः।। बभूवेन्द्ररथोऽमुष्माद्दिननाथरथस्ततः। मान्धाता वीरसेनश्च प्रतिमन्युस्ततः क्रमात्। नाम्ना कमलबन्धुश्च दीप्त्या कमलबान्धवः।। प्रतापेन रवस्तुल्य: समस्तस्थितिकोविदः।। रविमन्युश्च विज्ञेयो वसन्ततिलकस्तथा।। कुबेरदत्तनामा च कुन्थुभक्तिश्च कीर्तिमान्। शरभद्विरदौ प्रोक्तौ रथशब्दोत्तरश्रुती।। मृगेशदमनाभिख्यो हिरयण्कशिपुस्तथा। पुजम्थल: ककुत्थश्च रघुः परमविक्रमः।। इतीक्ष्वाकुकुलोद्भूताः कीर्तिता भुवनाधिपाः। भूरिशोऽत्र गता मोक्षं कृत्वा दैगम्बरं व्रतम्।। - पद्मपुराण, 22.153-59 216. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग 1. पृष्ठ 358 217. आसीत्ततो विनीतायामनरण्यो महानृपः। अनरण्यः कृतो येन देशो वामयता जनम्।। वही, 22.160 218. पृथिवीमयभिख्यास्य महादेवी महागुणा। कान्तिमण्डलमध्यस्था सर्वेन्द्रियसुखावहा।। द्वौ सुतावुदपत्स्यातां तस्यामुत्तमलक्षणौ। ज्येष्ठोऽनन्तग्थो ज्ञेयः ख्याती दशरथोऽनुजः।। - वही, 22.161 - 62 219. वही, 22.166-67 220. वही, 22.172-76 221. तरुणादित्यवर्णम्य पालिङ्गितवक्षसः। पद्मनेत्रम्य पद्माख्या पितृभ्यां तम्य निर्मिता।। वहीं, 25.22 'बलनामापरं मात्रा पद्मति विनिर्मितम्।' - वही, 25.37 222. 'मुलक्ष्मा लक्ष्मणाख्यायां पितृभ्यामेव योजितः।' वहीं, 25.26 'सुमित्रया हग्निर्नाम तनयस्य महेच्छया।' - वही, 25.37 223. कृतोऽर्धचक्रिनामायं मात्रेति भरताभिधाम्। दृष्ट्वा चक्रिणि सम्पूर्णो केकया प्रापयत् सुतम्।। - वही, 25.38 224. चक्रवर्तिध्वनि नीतो मात्रायमिति मुप्रभा। तनयस्याहतो नाम शत्रुघ्नमिति निर्मम।। - वही, 25.39 225. विष्णुपुराण, 4.2.12-14 226. आदिपुगण, 12.5; त्रिषष्टिशलाकापुरुषरित, 1.2.905-12 227. चतुर सेन, वैदिक संस्कृति : आमुगे प्रभाव', पृष्ट 93 228. पउमचरिय, 5.2-13; पद्मचरित, 5.2-13
SR No.538061
Book TitleAnekant 2008 Book 61 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2008
Total Pages201
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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