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________________ अनेकान्त 60/1-2 57 Emperor through his victory, Chakra Patila, again repaired this talao in A.D.455-56. Scholars believe that this sudarshana lake started from the Aswatthama hill, went up to the walls of uperkot, and was bounded by river Suvarna Rekha or Sonarekh and river Palasini. The Area of this lake was considered to be 268 acres. चन्द्रगुप्त के राज्य में कृत्रिम नहरों का निर्माण करके कृषि कार्य में सहायता पहँचाई जाती थी। नदियों पर बांध बांधे जाते थे। सरोवरों कूपों के निर्माण के साथ-साथ उनकी मरम्मत भी करवाई जाती थी। वर्षा के जलको एकत्रित करने के लिए नदियों के किनारे झीलें बनवाई जाती थी, क्योंकि जल ही खेती बाड़ी का आधार था। इसलिए इस बात का पूरा प्रबन्ध किया जाता था कि प्रत्येक मुनष्य को आवश्यकतानुसार पर्याप्त जल भी उपलब्ध हो सके और जल की अधिकता से राज्य में खेती व व्यापार की हानि भी न हो सके। इसी भावना से प्रेरित होकर मौर्य सम्राट ने ई.पू. 372 में उज्जयिनी को राजधानी बनाकर दक्षिण देशों को दिग्विजय करने के लिए प्रयाण किया और सौराष्ट्र नगर में प्रवेश किया। प्रथमतः गिरनार पर्वत पर विराजित भगवान नेमि जिन की वन्दना की पश्चात् पर्वतराज पर निर्ग्रन्थ मुनियों के निवास के लिए वसतिका (गुफा) का निर्माण कराया, जो चन्द्रगुफा के नाम से विख्यात है। ___ तथा पर्वतराज की तलहटी में अश्वत्थामा गिरि से अपरकोट तक अपने राज्यपाल “पुष्यगुप्त' वैश्य की देख-रेख में आस-पास के क्षेत्रों में सिंचाई करने हेतु पर्वतीय नदी सुवर्णरेखा या सोनरेखा (स्वर्णसित्का) और पलासिनी नदी पर बांध बांधकर 268 एकड़ भूमि में "सुदर्शन" नामक विशाल झील का निर्माण कराया। इस झील का नाम सुदर्शन रखने का एक धार्मिक मन्तव्य है।
SR No.538060
Book TitleAnekant 2007 Book 60 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2007
Total Pages269
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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