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________________ 46 अनेकान्त 60/1-2 12. अष्टाध्यायी 1.3.48 (पाणिनी) 13. Element of science of language by taraparwala Page - 21 14. राजस्थनी सबद कोस री भूमिका-पृ.6 15. राजमल वोरा, प्राकृत भाषा निबन्ध से 16. सिद्दहेमशब्दानुशासन 8.1.1 17. सिद्दहेमशब्दानुशासन 1.1 प्राकृत संस्कृतम्। तत्र भव तत आगतम वा प्राकृत 18. प्राकृत भाषा साहित्य का इतिहास पृष्ठ संख्या 19 19 प्राकृत दीपिका की भूमिका वही 8 20. प्राकृत दीपिका की भूमिका (8) 21. गोहवाही-93 सयलाओ इमं वाया विसंति एत्तो य णेतों य ऐतिवायाओ। एति समुद्ध चिय ऐति सामराजे च्चिय जलाई। 22. स्याद्योनि : किल संस्कृतस्य सुदशां जिहसु वन्मोदते-बालरामायण 48 23. राजमल बोराः- प्राकृत भाषा निबन्ध से 24. राजमल बोराः- प्राकृत भाषा निबन्ध से 25. वही 26. प्राकृत दीपिका की भूमिका (8) 27. प्राकृत भाषा साहित्य का इतिहास पृ.स. 19 प्राकृत दीपिकाः की भूमिका 28 प्राकृत सर्वस्व 1.1 (मार्कण्डेय) 29 मागध्यवन्ति प्राच्या शौरसेन्यर्द्ध मागधी। बालीक दाक्षिणात्या च सप्तभाषा प्रकीर्तिताः ।। नाट्यशस्त्र 17 48 30. भाषा-विज्ञान एव भाषा शास्त्रे डा. कपिल देव शास्त्री - पृ.सं. 475 31 प्राकृत अपभ्रंश एवं अन्य भारतीय भाषाएं पृ.सं. 5 32. अपभ्रंश भाषा और व्याकरण पृ.स. 4 33. हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग पृ.स. 20 34 पुरानी हिन्दी-द्वितीय खण्ड-पृ.स. 243, 44 वरिष्ठ शोध अध्येता प्राकृत एवं जैनागम विभाग जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ (राज.)
SR No.538060
Book TitleAnekant 2007 Book 60 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2007
Total Pages269
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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