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दूध शाकाहार है : वैज्ञानिक तथ्य
- ऐलक निर्भयसागर महाराज
लेखक एम. एस. सी. पूर्वार्द्ध तक लौकिक शिक्षा प्राप्त कर दिगम्बर जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित एक जैन संत हैं । ऐलक जी आध्यात्मिक, वैज्ञानिक, दार्शनिक शैली की त्रिवेणी से सहित उत्कृष्ट आत्मसाधक, लेखक और प्रवचनकार हैं। धर्म की बात वैज्ञानिक ढंग से व्याख्यायित करना आपकी विशेषता है। आपने मौन, उपवास, रात्रि, भोजन, शराब, पूजा विधि आदि पर विशिष्ट वैज्ञानिक साहित्य का सृजन किया है। वर्तमान में दूध को मांसाहार कहने पर उठे प्रश्न का जवाब वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत आलेख में दिया है कि दूध शाकाहार की श्रेणी में आने वाला रस है ।
-सम्पादक
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दूध शाकाहार की श्रेणी में है या मांसाहार की । ये आधुनिक युग के लोगों का प्रश्न हो सकता है, परन्तु यह अनादिकालीन शाश्वत सिद्धांत है कि सही रीति से प्राप्त किया गया दूध मांसाहार नहीं है बल्कि शाकाहार की श्रेणी में आने वाला शुद्ध रसाहार है, और वह स्तनधारी प्राणियों के जन्म से ही पोषण और तन्दरुस्ती के लिए प्रकृत्ति प्रदत्त लाभदायक पेय पदार्थ है ।
आज भौतिकवादी अर्थ प्रधान युग में दूध को पानी, तेल, यूरिया, साबुन आदि मिलाकर बेंचा जा रहा है या इंजेक्शन लगाकार निकाला जा रहा है, या बछड़े को दूध नहीं छोड़ा जा रहा है, तो इसका मतलब ये नहीं कि दूध अभक्ष्य और मांसाहार हो गया है। इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए घरों में गायों को पालकर न्याय-नीति और विधि पूर्वक शुद्ध दूध प्राप्त किया जाना चाहिए, न कि भड़काऊ, अश्रद्धा उत्पन्न करने वाले भाषण या आलेख लिखे जायें ।