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अनेकान्त 59/1-2 जा सकती। इससे दिगम्बर जैन आगम के प्रति अश्रद्धा/अवर्णवाद अवश्य होता है। जन्मभूमि प्रतिष्ठा से कहीं अधिक, प्रतिष्ठा का विषय दिगम्बर जैन आगम एवं संस्कृति के प्रति हमारी निष्ठा का है आगम रक्षा एवं सम्मान में ही समाज की रक्षा और सम्मान है।
संदर्भ ग्रंथ सूची: 1. महाश्रमण महावीर-पं. सुमेरुचन्द्र दिवाकर, पृष्ठ-आमुख 3 2. वही-आमुख पृष्ठ 3 3. वही-पृष्ठ 119 4. वही-पृष्ठ 119 5. वही-पृष्ठ 119 6. वही-पृष्ठ 119 7. वही-पृष्ठ 120 8. महाश्रमण महावीर-पं. सुमेरुचन्द्र दिवाकर, पृष्ठ 120 9. वही-पृष्ठ 120 10. वही-पृष्ठ 120 11. वही-पृष्ठ 120 12. वैशाली महोत्सव के 50 वर्ष-डॉ. जय श्री मिश्र, पृष्ठ 103 13. भगवान् महावीर और उनका तत्वदर्शन-सम्पादन पं. बलभद्र जैन-प्रस्तावना पृष्ठ-3 14. चारित्र चक्रवर्ती-प्रथम आवृत्ति, पं. सुमेरुचन्द्र दिवाकर, पृष्ठ 213-228 15. जैन शासन,-पं. सुमेरुचन्द दिवाकर पृ. 253 16. दॉ एनसिएन्ट ज्योग्राफी ऑफ इंडिया-जनरल अलेक्जेन्डर कनिंघम पृ. 327। 17. दॉ ज्योग्राफिक्स डिक्सनरी ऑफ एन्सिएन्टएन्ड मेडिकल इंडिया-दे नन्दलाल, पृ. 136 18. वही-पृष्ठ 137 19. हिन्दु सिविलाइजेसन्स-डॉ. राधाकुमुद मुखर्जी पृ. 179-189 20. माता त्रिशला के अनोखे सपने,-दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान हस्तिनापुर पुष्प नं.
214, पृ.-9 21. जैन सर्किट-बिहार पर्यटन, सचिव पर्यटन विभाग बिहार-पटना । 22. अनेकान्त-दिल्ली, 58/1-2/, भारतीय इतिहास का जैनयुग-डॉ. ज्योति प्रसाद जैन,
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