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________________ वीर सेवा मंदिर अनेकान्त प्रवर्तक : आ. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' का त्रैमासिक '. 4 प । - - "इस अंक में वर्ष 59, किरण-3-4 कहां क्या जुलाई दिसम्बर 2016 । अध्यात्म पद कविवर दालनगम सम्पादक . - एक श्रुतागधक का वियाग डॉ जय कुमार जैन | डॉ. जयकुमार जैन । पण्डित परम्पग की अन्तिमकड़ी मभाप जैन, महासचिव 429. पटल नगर का अवमान मुजफ्फरनगर (उप्र) अनुपम श्रुत आगधक डॉ प्रमचन्द जैन फोन. (0131) 2613730 प पदम चन्द्र शाम्बी सह सम्पादक काहगम किमका दो मुशि चन्द्र जन 1. जैन दर्शन म प्रमाण की द नग्न्द्र कुमार जन संजीव जैन तिहामिकता परामर्शदाता 17 राजस्थान क कलात्मक जन मन्दिर दा कमला गग पं. पद्मचन्द्र शास्त्री ४ भगवान महावीर आ परिया डॉ मुग्न्द्र कमार जैन परिमाणवत मम्था की 4 ममाधिमग्ण में शन्द्धि व विक्क प्राचार्य निहालचन्द जन आजीवन मदम्यता तिवचन 1100 10 मध्य लोक में भोग मिया डा जय कमार जना अनकान्त वार्षिक शुल्क क अनचिन्नन । कर्मक्षय में ध्यानतप का महल गजेन्द्र मार वमन्ना इम अक का मूल्य और म्बम्प 10 12 जन माहित्य आर पुगतन्तक टा कमलश कमार जन मदम्या व मदिग क परिपश्य म मप्तम तीथका लिा नि:शुल्क मपाश्वनाथ का जीवन चरित्र एव पच कल्याणक मिया प्रकाशक 13 ब्रह्मचर्य दशन आर उसकी टा प्रशाक कमार जैन ||भारतभूषण जैन, गदवाकर मामाजिक उपयोगिता ।। भानाय माम्बामा की दृष्टि र श्रयाम कमा जन । म अकालमग्ण |मास्टर प्रिर्म दिल्ली 32) विशेष सूचना : विद्वान् लेखक अपने विचारों के लिए स्वतन्त्र है। यह आवश्यक नहीं कि सम्पादक उनके विचारों से सहमत हो। मुद्रक वीर सेवा मंदिर (जैन दर्शन शोध संस्थान) 21. दरियागंज, नई दिल्ली -110002, दूरभाष : 23250522 संस्था को दी गई महायता राशि पर धारा 80 जी के अतर्गत आयकर में छूट (रजि आर 10591/62)
SR No.538059
Book TitleAnekant 2006 Book 59 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2006
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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