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________________ अनेकान्त 58/3-4 हमें आशा है कि गत महामस्तकाभिषेकों की तरह इस महामस्तिकाभिषेक मे श्रीदेश-विदेश विशेषकर उत्तर भारत के हजारों लाखों की संख्या में समाज के स्त्री-पुरुष भी सम्मिलित होकर भगवान् बाहुबली के प्रति अपनी श्रद्धा व भक्ति व्यक्त कर वुपभ लाभ लेंगें। हमें प्रसन्नता है कि भारत के महामहिम राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 22 जनवरी 2006 को स्वयं उपस्थित होकर भगवान् बाहुबली की इस अनुपम प्रतिमा को राष्ट्र की ओर से अपने श्रद्धा सुमन समर्पित किये। डॉ. कलाम शुद्ध शाकाहारी हैं। यह हम सभी का सौभाग्य है कि देश को ऐसा राष्ट्रपति मिला। हम अपने राष्ट्रपति जी के धर्ममय दीर्घ जीवन की कामना करते हैं। ___ 28 दिसम्बर 2005 से 1 जनवरी 2006 तक श्रीक्षेत्र श्रवणबेलगोला में सारस्वत मनीषियों का एक विशाल सम्मेलन परमपूज्य आचार्य श्री वर्धमानसागर जी महाराज (ससंघ), अन्य आचार्यो, उपाध्यायश्री एवं मुनियों के पावन सान्निध्य में तथा स्वस्तिश्री भट्टारक चारुकीर्तिजी के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हो चुका है। इसमें कतिपय प्रथमदृष्ट नव्यों से लेकर शताधिक बहुश्रुत लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् मनीषियों ने अपनी सहभागिता से इसकी गरिमा बढ़ाई। स्वस्तिश्री भट्टारक जी विद्वानों की अच्छी व्यवस्था के लिए सतत् विचारशील रहे किन्तु आयोजकों की कदाचित् किसी विशिष्ट समस्या के कारण समागत विद्वान् परेशानियों का अनुभव करते रहे। हम आशा करते हैं कि भविष्य के आयोजन निरापद तथा और अधिक गरिमापूर्ण होंगे। -जय कुमार जैन
SR No.538058
Book TitleAnekant 2005 Book 58 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2005
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size9 MB
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