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________________ अनेकान्त-57/3-4 97 रहने पर भोजन परोसा गया। अकबर को भोजन करते समय बनारसीदास का उपदेश याद आ गया। उसने भोजन की थाली सतर्कतापूर्वक देखी । उसमें लाल चींटी का झुण्ड पाया। यह लाल चीटियां उसके भोजन में प्रवेश कर गई उसने भोजन की थाली वापिस कर दी। इस घटना के द्वारा उसको जो मूल्यवान उपदेश मिला, उसके मन में जीवदया की भावना बढ़ गई। बनारसीदास अकबर को केवल लाल चीटिंयों के बारे में उपदेश देते सो नहीं वह विशेष रूप से आहार के भी जो शरीर और मन को विकृत करे विरूद्ध थे। अकबर पर जैनधर्म का प्रभाव - विश्वास -: एक बार की घटना है कि अकबर के सिर में भयानक दर्द हुआ । उसने वैद्य - हकीमों को नहीं बुलाया । उसने जैन यतिजी को बुलवाया। उन्होंने सिर पर हाथ रखा, मंत्रोचार किया और सिर का दर्द दूर हो गया। इस खुशी में दरबारियों ने पशुओं की कुर्बानी करके खुशी मनाने का कार्यक्रम रखा। पशुओ को एकत्रित किया गया। राजा को जानकारी हुई कि मेरे सिर के दर्द के ठीक होने पर कुर्बानी द्वारा खुशी मनाई जावेगी। उसने रोक लगा दी पशु छोड़ दिये। आदेश दिया मेरे सिर के दर्द के ठीक होने की खुशी है मैं सुखी हूं, पर इस खुशी से दूसरे प्राणियों को दुःख पहुँचे यह अनुचित है। यह कार्य गलत है। इसी प्रकार की एक घटना और है । अकबर के दरबार में मुनि शान्तिचन्द जी विराजमान थे और अगले दिन ईद व बकरा ईद जो मुसलमानो का प्रमुख त्यौहार आने वाला था । मुनि शान्तिचन्द ने राजा कहा कि मैं कल किसी अन्य स्थान पर जाऊँगा । क्योंकि ईद पर हजारो पशुओं का वध होगा उनकी बलि चढ़ाई जावेगी । मुनि ने कुरान की आयतों से सिद्ध कर दिया कि कुर्बानी का मांस व खून खुदा को नहीं जाता है वह हिंसा से कभी प्रसन्न नहीं होता है। राजा ने घोषणा कर दी ईद पर पशु हत्या नहीं होगी। सन् 1592 में उसने जिनचन्द सुरि को खम्भात कच्छ की खाड़ी से बुलाया वह लाहौर पधारे, स्वागत किया और उनके कहने से उसने आदेश निकाला कि खम्भात की खाड़ी में मछली पकड़ने पर प्रतिबन्ध रहेगा तथा आष्टनिका पर्व पर पशुवध का निषेध किया । अकबर के शासनकाल में जैनेतर कवि नरहरि थे उन्होंने अपने समय में गोरक्षा का अभियान चला दिया था । सम्राट अकबर का ध्यान आकर्षित करने
SR No.538057
Book TitleAnekant 2004 Book 57 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size9 MB
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