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________________ अनेकान्त-56/3-4 3. सामायिक प्रतिमा उत्तम-दोष एवं अतिचार रहित त्रिसंध्या में नियत समय तक सामायिक। मध्यम-अणुव्रत-गुणव्रतों का निर्दोष पालन किन्तु सामायिक में दोष। जघन्य-अणुव्रत-गुणव्रत में अतिचार तथा सामायिक में भी दोष। 4. प्रोषधोपवास प्रतिमा उत्तम-चारों पर्वो में 16 प्रहर का निर्दोष उपवास, कायोत्सर्ग निर्भय होकर। मध्यम-12 या 8 प्रहर वाला उपवास, प्रतिमायोग का अधारण। जघन्य-यथा कथंचित् उपवास का धारण। सचित्तत्याग प्रतिमा उत्तम-नवधा सचित्त का यावज्जीवन त्याग। मध्यम-प्रोषधोपवास के दिन ही सचित्त का त्याग। जघन्य-सचित्त वस्तुओं का यथा कथंचित् त्याग। 6. दिवामैथुनत्याग प्रतिमा उत्तम-दिन में पूर्ण ब्रह्मचर्य का परिपालन। मध्यम-क्वचित्-कदाचित् स्वस्त्री के साथ दिन में हंसी-मजाक। जघन्य-यथा कथंचित् दिन में मैथुन त्याग। 7. ब्रह्मचर्य प्रतिमा उत्तम-नवधा निर्मल ब्रह्मचर्य का पालन। मध्यम-वचन एवं काय से ब्रह्मचर्य का पालन। जघन्य-ब्रह्मचर्य का यथा कथंचित् पालन। 8. आरम्भत्याग प्रतिमा उत्तम-आरंभ का त्याग, स्वीकृत धन का दान, घर में उदासीन। मध्यम-पूर्वप्रतिमाओं का सदोष किन्तु प्रकृत का निर्दोष पालन। जघन्य-पूर्व प्रतिमाओं तथा प्रकृत प्रतिमा का सदोष पालन। 9. परिग्रहत्याग प्रतिमा उत्तम-संयम के साधन के अतिरिक्त परिग्रह का त्याग।
SR No.538056
Book TitleAnekant 2003 Book 56 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2003
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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