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________________ अनेकान्त/55/1 25 कर्म सिद्धान्त, जैन - न्याय शास्त्र एवम् जैन आचारशास्त्र के आप मर्मज्ञ विद्वान् थे। इसके अतिरिक्त अपने अपनी मेधा एवम् सूक्ष्मेक्षिका के बल पर जैन काव्यों का भी सटीक सम्पादन प्रस्तुत किया है। मात्र धवला एवम् जयधवला ग्रन्थराजों पर किया गया उनका कार्य जैन साहित्य में उन्हें अमर कीर्ति दिलाने में सक्षम है। बुन्देलखण्ड की पण्डितप्रसूता धरा के ललितपुर मण्डलान्तर्गत साढूमल ग्राम में स्वनाम धन्य पं. श्री हीरालाल का जन्म श्रावण मास की अमावस्या वि. सं. 1961 में हुआ। प्रारम्भ से ही आप प्रतिभाशाली थे। उनके ही ग्राम में संचालित श्री महावीर दिगम्बर जैन पाठशाला, सादूमल में आपको प्रवेश दिलाया गया, जहाँ से आपने संस्कृत मध्यमा एवम् जैन धर्म विशारद की परीक्षाएं उच्चश्रेणी में उत्तीर्ण की। आपकी उत्कट ज्ञान-पिपासा देखकर आपको उच्चाध्ययन हेतु इन्दौर के सर सेठ हुकमचन्द्र जैन महाविद्यालय में भेजा गया। गहन अध्यवसायपूर्वक अध्ययन करते हुए आपने शास्त्री और न्यायतीर्थ की उपाधियाँ साधिमान अर्जित की। उसके पश्चात् भी ज्ञानाराधना का क्रम नही रुका। आपने सिद्धान्त शास्त्रों के गहन अध्ययन हेतु जैन शिक्षा मन्दिर में स्व. पं. श्री वंशीधर जी सिद्धान्त शास्त्री का शिष्यत्त्व ग्रहण कर सिद्धान्त ग्रन्थों में पारंगतता अधिगत की। विद्यार्जन उपरान्त कार्यक्षेत्र में प्रवेश किया। सर्वप्रथम सन् 1924 में आप काशी के महान् शिक्षाकेन्द्र श्री स्याद्वाद महाविद्यालय में धर्माध्यापक के रूप में नियुक्त हुए । स्याद्वाद महाविद्यालय से आप भा. दि. जैन महाविद्यालय सहारनपुर चले गये, जहाँ सन् 1927 से 32 तक धर्माध्यापक के रूप में अपनी सेवायें प्रदान की। सहारनपुर में श्वेताम्बर जैन साधुओं को भी अतिरिक्त समय में अध्यापन कार्य करते थे, इससे आपको प्राकृत भाषा में गहरी पैठ बनाने का अवसर मिला। इसके अतिरिक्त आपने भा. व. दि. जैन महाविद्यालय ब्यावर, जैन सिद्धान्त शाला ब्यावर, उत्तर प्रान्तीय दिगम्बर जैन गुरुकुल, हस्तिनापुर, आदि संस्थाओं में भी अपनी अध्यापकीय सेवाएं दी। शोधानुसन्धान, सम्पादन एवम् अनुवाद आदि कार्यो के निमित्त आपने धवला कार्यालय अमरावती, श्री ऐलक पन्नालाल दिगम्बर जैन सरस्वती भवन. ब्यावर.
SR No.538055
Book TitleAnekant 2002 Book 55 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2002
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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