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________________ अनेकान्त/5513 तक नहीं किया है- यह एक विचारणीय विषय है। सर्वप्रथम श्रावक के मूलगुणों का उल्लेख श्री समन्तभद्राचार्यकृत रत्नकरण्डश्रावकाचार में हुआ है। वहाँ मद्य, मांस एवं मधु के त्याग के साथ पाँच अणुव्रतों के पालन को आठ मूलगुण कहा गया है। चारित्रसार में उद्धृत एक श्लोक में आचार्य जिनसेन की दृष्टि में मद्य, मांस एवं जुआ के त्यागपूर्वक पाँच अणुव्रतों के पालन को आठ मूलगुण कहा गया है। पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय में आचार्य अमृतचन्द्र ने पाँच अणुव्रतों के स्थान पर पाँच उदुम्बर फलों का उल्लेख किया है।' सागार-धर्मामृत में कुछ लोगों के मत में पाँच उदुम्बर फल त्याग को एक मूल गुण मानकर रात्रिभोजन त्याग, देववन्दना, जीवदया तथा जलगालन को मूलगुणों में समाविष्ट किया गया है। 10 आचार्य सोमदेव, पद्मनन्दि, पं. आशाधर, भट्टारक सकलकीर्ति आदि मूलगुणों के विषय में पुरुषार्थसिद्ध्युपाय के प्रणेता अमृतचन्द्राचार्य के अनुगामी हैं। श्रावक के मूलगुणों के विवेचन में आचार्यों की दृष्टियाँ भिन्न-भिन्न हैं। श्री जुगल किशोर मुख्तार ने लिखा है कि "सकलव्रती मुनियों के मूल गुणों में जिस प्रकार पञ्च महाव्रतों का होना जरूरी है, उसी प्रकार देशव्रती श्रावकों के मूलगुणों में पञ्चाणुव्रतों का होना जरूरी मालूम होता है। देशव्रती श्रावकों को लक्ष्य करके आचार्य महोदय ने इन मूलगुणों की सृष्टि की है। पञ्च उदुम्बर वाले मूलगुण प्रायः बालकों, अव्रतियों अथवा. अनभ्यस्त देशसंयमियों को लक्ष्य करके लिखे गये हैं"'" आदरणीय मुख्तार जी का यह कथन ध्यातव्य है। श्रावक के व्रत :- जीवनपर्यन्त हिंसा आदि पाँच पापों से एकदेश या सर्वदेश निवृत्ति को व्रत कहते हैं। यह व्रत दो प्रकार का है- एकदेश व्रत या अणुव्रत तथा सर्वदेश व्रत या महाव्रत। अणुव्रत श्रावकों के लिए तथा महाव्रत साधुओं के लिए हैं। सवार्थ सिद्धि में आचार्य पूज्यपाद ने कहा है कि प्रतिज्ञा करके जो नियम लिया जाता है, वह व्रत है। यह करने योग्य है, यह नहीं करने योग्य है- इस प्रकार नियम करना व्रत है। व्रत शब्द विरति के अर्थ में भी प्रयुक्त होता है तथा प्रवृत्ति (वृतु वर्तने धातु से निष्पन्न होने के कारण) के अर्थ में
SR No.538055
Book TitleAnekant 2002 Book 55 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2002
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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