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________________ Sisirav श्री उम्मेदमल जैन पाण्ड्या पिता :- श्री छगन लाल जी पाण्ड्या माता :- श्रीमती भंवरीदेवी जी पाण्ड्या जन्मस्थान :- कुचामन सिटी (राजस्थान) 311 1933-18.11 2001 अखिल भारतवर्षीय संस्थाओं के प्रति सक्रिय रूप से आजीवन समर्पित, मृदुभाषी, उदारमना, दानशील, देवशास्त्र गुरु के अनन्य भक्त, सभी माधु सन्तों के कृपा पात्र. श्री दिगम्बर जैन आदर्श महिला महाविद्यालय श्री महावीर जी, लुणवा, पद्मपुरा, जम्बूद्वीप, पावापुर एवं श्री सम्मेद शिखर जी आदि तीर्थ क्षेत्रा के चतुर्दिक विकास में समर्पित, भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा, भारतवर्षीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी व शिखर जी ट्रस्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जैन महासभा दिल्ली के अध्यक्ष, भारतवर्षीय अनाथ रक्षक जैन सोसायटी एवं पराक ट्रस्ट आदि अनेक संस्थाओं के न्यासी, शाश्वत तीर्थगज श्री सम्मेदशिखर जी आन्दोलन के अग्रणी व्यक्तित्व, श्रवणबेलगोला यात्रा संघ व महामस्तकाभिषेक, सहस्राब्दी समारोह श्री महावीर जी, कण्डलपुर महामस्तकाभिषेक एवं अनेक पंचकल्याणकों में तन, मन, धन से पक्रिय वरिष्ठ सहयोगी पाण्ड्या जी गत कई वर्षों से वीर सेवा मंदिर की कार्यकारिणी में सदस्य और संस्था के विद्वान पंडित पदमचन्द्र जी शास्त्री के स्नेह पात्र रहे हैं। समन्वयवादी दृष्टिकोण के लिए विख्यात, आप परम्परा के सच्चे उपासक श्रद्धेय श्री उम्मेदमल जी जैन पाण्ड्या के प्रति वीर मेवा मंदिर की विनम्र श्रद्धाञ्जलि। -सुभाष जैन, महासचिव वीर सेवा मंदिर
SR No.538054
Book TitleAnekant 2001 Book 54 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2001
Total Pages271
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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