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अनेकान्त/54/3-4
यह तो एक बानगी मात्र मैंने प्रस्तुत की है, वस्तुतः भक्तामर पर इतनी टीकायें और अनुवाद लिखे गये हैं इनकी चर्चा कर पाना इस छोटे से लेख में असंभव नहीं, तो कठिन अवश्य है। एक अनुमान के अनुसार लगभग डेढ़ सौ संस्कृत, हिन्दी टीकायें और अनुवाद इस स्तोत्र पर हुये हैं। कुछ प्रमुख टीकाओं के नाम यहाँ प्रस्तुत कर रही हूँ।
'भक्तामर स्तोत्र टीका' नाम से गुणरत्नसूरि, कनककुशल, अमरप्रभसूरि, शान्तिसूरि, मेघविजयोपाध्याय, रत्नचन्द्र, समयसुन्दरोपाध्याय, इन्द्ररत्न मणि, चन्द्रकीर्तिसूरि, हरितिलक गणि, क्षेमदेव आदि ने इस स्तोत्र पर टीकायें लिखी हैं। इसी प्रकार मेरुसुन्दरोपाध्याय, शुभवर्धनगणि, लक्ष्मीकीर्ति ने 'भक्तामर स्तोत्र बालावबोध' नाम से अपनी टीकायें लिखी हैं।
इस स्तोत्र के चमत्कार एवं प्रसिद्धि को ध्यान में रखकर कथा, चरित्र या माहात्म्य को प्रकट करने वाली कथायें भी लिखी गयी हैं। इनमें प्रसिद्ध हैं-ब्रह्मरायमल्ल की 'भक्तामर स्तोत्र कथा' श्री भूषण की 'भक्तामर स्तोत्र पूजा' शुभशील का 'भक्तामर स्तोत्र माहात्म्य', ज्ञानभूषण, सुरेन्द्रकीर्ति और सोमसेन के 'भक्तामर स्तोत्र व्रतोद्यापन' अज्ञात कवि कृत 'भक्तामर स्तोत्र पंचांग विधि।
इस स्तोत्र पर लिखे गये ‘पादपूर्ति स्तोत्र' और 'छाया स्तवनों' की संख्या भी कम नहीं है। कुछ प्रमुख हैं-भावप्रभसूरि कृत 'नेमिभक्तामर स्तोत्र', समयसुन्दरोपाध्याय कृत 'ऋषभ भक्तामर स्तोत्र', लक्ष्मीविनल कृत 'शान्तिभक्तामर स्तोत्र', विनयलाभ कृत 'पार्श्व भक्तामर स्तोत्र' धर्मवर्धनोपाध्याय कृत 'वीर भक्तामर स्तोत्र' धर्मसिंह सूरि कृत 'सरस्वती भक्तामर स्तोत्र' पं. हीरालाल कृत 'भक्तामर पाद पूर्ति' पं. गिरधर शर्मा कृत 'भक्तामर पादपूर्ति स्तोत्र' माल्लिषेण कृत 'भक्तामर पादपूर्ति स्तोत्र' माल्लिषेण कृत 'भक्तामर स्तोत्र छाया स्तवन' आदि हिन्दी भाषा में 'भक्तामर स्तोत्र' के गद्यमय और पद्यमय शताधिक अनुवाद हुये है। आज स्थिति यह है कि लोगों को संस्कृत भाषा में भक्तामर स्तोत्र आता हो या न आता हो। हिन्दी भक्तामर को कंठस्थ किये हुये अनेक