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________________ अनेकान्त/३६ के यहां माता त्रिशला के उदर से जन्म हुआ। देवों ने आकर जन्मोत्सव मनाया। महावीर आजन्म ब्रह्मचारी रहे। तीस वर्ष की उम्र में मार्गशीर्ष कृष्णा दसवीं को दिगम्बर दीक्षा ली और बारह वर्ष तक घोर ताप किया। 30 वर्ष तक केवली अवस्था में संसारी लोगों की भ्रान्तियों को दूर कर धर्म का मार्ग बताया। उस समय राजा श्रेणिक मुख्य श्रोता थे तथा 72 वर्ष की आयु में कार्तिक कृष्णा अमावस्या को कर्मों की कालिमा को काटकर पावापुर से मोक्ष प्राप्त किया। इन्हें मोक्ष गये 2556 वर्ष हो गये इनके मोक्ष जाने के समय चतुर्थकाल में 3 साल साढ़े आठ माह शेष थे। भगवान महावीर ने हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील और परिग्रह का त्याग करते हुए आत्मा के कल्याण हेतु पुरुषार्थ करते हुए स्व को जानने का मार्ग दिखलाया। अहिंसा, सत्य, अचौर्ष अपरिग्रह ब्रह्मचर्य तप त्याग एवं अनेकान्तवाद का माग 'दिखलाया। इस मार्ग पर चल कर पुरुषार्थ करके जीवमात्र भगवान् हो सकता है। आवश्यकता स्वयं को जानने की है। सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चारित्र को धारण करने की आवश्यकता है। अपने विकारी भावों को छोड़कर स्व एवं पर को भेद दृष्टि से जानकर निर्ग्रन्थ बनना होगा कर्म की कालिमा को जिस दिन हम काट दंगे भगवान महावीर की तरह जन्म मरण की वेदना से रहित सिद्ध पद को प्राप्त कर लेंगे। आज हमने भगवान् महावीर एवं उनके सिद्धान्तों को भुला दिया है। चारों तरफ आतंकवाद हिंसा, झूठ, चोरी, परिग्रह एवं कुशील का वातावरण है। दहेज की बलवेदी पर स्त्रियों की हत्या की जा रही है। भ्रूणपरीक्षण के नाम पर गर्भ गिराकर हत्या की जा रही है। कोई चीज शुद्ध नहीं मिल रही है। अभी वेजीटेबिल एवं घी में चर्बी मिलाने के उदाहरण सामने आये हैं। एकतरफ सम्पत्ति कुछ हाथों में केन्द्रित हो रही है तो दूसरी तरफ बहुत से लोगों को एक बार भी भोजन नसीब नहीं। चोरी-डकैती-अपहरण की घटनाएं चरम सीमा पर हैं। चारों तरफ आतंकवाद फैल रहा है। अफीम माफियाओं की सम्पत्ति हथियार खरीदकर संसार में आतंकवाद फैला रही है। शराब, मीट, अफीम आदि नसीली चीजों का प्रचलन बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासंघ भी अपने को असहाय महसूस कर रहा है। महिलाओं को व्यभचारिणी बनाया जा रहा है। धर्म कर्म को हम भूलते जा रहे हैं देश में असत्य एवं भ्रष्टाचार का वालवाला है। कुछ लोग टैक्सों की चोरी कर रहे हैं। न्याय व्यवस्था कार्यपालिका एवं विधानशक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त है। देश की रक्षा एवं चिकित्सा आदि में भी कमीशन लिया जा रहा है। हर वस्तु में मिलावट जारी है। राजा का जैसा
SR No.538053
Book TitleAnekant 2000 Book 53 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2000
Total Pages231
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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