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| वीर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक
अनेकान्त (पत्र-प्रवर्तक : आचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर')
वर्ष-52 किरण-4
अक्टूबर-दिसम्बर 1999
सिद्ध-शिला
1. चेतने के क्षण
कोई न हमारा
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2. भट्टारक स्वरूप समझें
-आचार्य विद्यासागर
3. खतरनाक मोड़ पर
-डॉ. रमेश चन्द्र जैन 4. पश्चिम में सन्मति का समुचित समाहार
-नन्दलाल जैन 5. दिगम्बरत्व के विषय में नाथूराम प्रेमी का लेख
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