SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 120
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनेकान्त/39 की ओर से अपने अधिकारों की रक्षार्थ एक ज्ञापन प्रेषित किया गया। फलस्वरूप बिहार सरकार ने दिगम्बरों के साथ भी एक अनुबंध किया जिसके अनुसार दिगम्बरों को अपनी टोंकों की रक्षा और पूजा प्रक्षाल का हक मिला। तीर्थ क्षेत्र कमेटी के समर्पित अध्यक्ष साहू अशोक कुमार जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सन् 1990 में अध्यक्ष निर्वाचित हए। दिगम्बर तीर्थों विशेषकर शिखरजी की दशा देखकर वह द्रवित हो गए। इसी बीच समर्पित कानूनविद डॉ. डी. के. जैन उनके सम्पर्क में आए। वह चाहते थे कि दिगम्बर व मूर्तिपूजक श्वेताम्बरों का आपसी समझौता हो जाय ताकि लाखों रुपया वार्षिक मुकद्दमेबाजी में खर्च न होकर तीर्थों का विकास हो। जैन समाज की विश्व पटल पर पहचान बने। इसी भावना के अंतर्गत बिहार सरकार से सम्पर्क कर उन्होंने राज्य सरकार से एक अध्यादेश प्रस्तावित कराया जिसके अनुसार दोनों पक्षों के समान संख्या में सदस्य रहें और शिखरजी का विकास हो किन्तु मूर्तिपूजक श्वेताम्बरों ने इसका विरोध कर रुकवा दिया। मई 1994 को साहू अशोक कुमार जैन के आह्वान पर समूचे देश से लाखों की संख्या में एकत्र होकर दिगम्बर जैन समाज की दिल्ली में एक अभूतपूर्व विशाल रैली निकाली गई। यह एक ऐतिहासिक रैली थी। इस रैली के फलस्वरूप दिगम्बर समाज में गज़ब की चेतना आई। रैली ने एक ज्ञापन गृह मंत्रालय को प्रस्तुत किया किन्तु श्वेताम्बरी मूर्तिपूजक समाज के नेताओं की हठधर्मी के कारण अध्यादेश बिहार सरकार को वापिस करा दिया गया। साहू अशोक कुमार जैन की प्रेरणा से डा. डी. के. जैन ने शिखरजी मुकद्दमे की बारिकी से छान-बीन आरंभ कर दी। एक लम्बे अर्से से लम्बित सभी मुकद्दमों को एक अदालत में एक ही आदेश से निर्णय के लिए स्वीकार कराया। पटना हाईकोर्ट की रांची बैंच में मुकद्दमें की सुनवाई आरंभ हुई। डॉ. डी. के. जैन की समर्पण भावना और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आर. के. जैन की पैरवी से 1-7-99 को रांची हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री पी. के. देव के निर्णय के अनुसार दिगम्बरों के अधिकारों की रक्षा हुई। इस सफलता में साहू श्री अशोक कुमार जैन के अथक प्रयासों और उनकी सूझ-बूझ की मुख्य भूमिका रही। वर्तमान में उक्त निर्णय के विरुद्ध श्वेताम्बरी मूर्तिपूजकों की अपील रांची हाईकोर्ट में डिवीजन बैंच के समक्ष विचाराधीन है। इस लेख से एक बात पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है कि बाबू चम्पतराय जैन, बाबू अजितप्रसाद जैन व साहू अशोक कुमार जैन आदि सभी दिगम्बरी
SR No.538052
Book TitleAnekant 1999 Book 52 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1999
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy