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________________ अनेकान्त/१९ इसका पूर्व नाम “सिंहपुर था। जैन मन्दिर के निकट ही एक स्तूप है जिसकी ऊँचाई १०३ फुट है। मध्य में इसका व्यास ९३ फुट है। इसका निर्माण सम्राट अशोक द्वारा करवाया गया था। जैन परम्परा का यह विश्वास है कि भगवान श्रेयांसनाथ की जन्म नगरी होने के कारण इसका निर्माण सम्राट सम्प्रति ने कराया होगा। स्तूप के ठीक सामने सिहद्वार है, जिसके दोनो स्तम्भो पर सिंहचतुष्क बना है। सिंहों के नीचे धर्मचक्र है जिसके दाईं ओर बैल और घोड़े की मूर्तियों का अंकन है। भारत सरकार ने इस स्तम्भ की सिंहत्रयी को राजचिन्ह के रूप मे स्वीकार किया है और धर्मचक्र को राष्ट्रध्वज पर अंकित किया है। जैन परम्परा अनुसार प्रत्येक तीर्थकर का एक विशेष चिन्ह होता है और जिसे प्रत्येक तीर्थकर प्रतिमा पर अंकित किया जाता है। इसी चिन्ह से यह ज्ञात होता है कि यह अमुक तीर्थकर की प्रतिमा है। यह चिन्ह मांगलिक कार्यों और मांगलिक वास्तुविधानो मे मगल चिन्ह के रूप में प्रयुक्त होते है। उदाहरणार्थ तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का स्वस्तिक चिन्ह है, जिसे सम्पूर्ण भारत मे जैन ही नही वरन जैनेतर सम्प्रदाय भी समस्त मागलिक अवसरों पर प्रयोग करते है। सिह महावीर का चिन्ह है। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव का वृषभ और अश्व तृतीय तीर्थकर सम्भवनाथ का चिन्ह है। इसी प्रकार धर्मचक्र तीर्थकरो और उनके समवसरण का एक आवश्यक अग है। तीर्थंकर के केवलज्ञान के पश्चात् जो प्रथम देशना होती है उसे धर्मचक्र प्रवर्तन की सज्ञा दी जाती है। यही कारण है कि प्रायः सभी प्रतिमाओं के सिहासनों और वेदियो मे धर्मचक्र बना रहता है। जैन शासको में स्तूप के संदर्भ में विस्तृत विवरण प्राप्त होते है। सारनाथ स्थित जो स्तूप है वह प्रियदर्शी सम्राट सम्प्रति का हो सकता है, क्योंकि यह स्थान श्रेयासनाथ की कल्याणक भूमि रही है। दूसरे “देवानाम प्रियः यह जैन परम्परा का शब्द है। जैन सूत्रसाहित्य में कई स्थानों पर इसका प्रयोग किया गया है, जिसका प्रयोग भव्य, श्रावक आदि के अर्थ में आता है। पुरातत्वज्ञ उक्त कारणो से ही सम्भवत. इस सदेह को इस प्रकार व्यक्त करते हैं, “सम्भवतः यह स्तूप सम्राट अशोक द्वारा निर्मित हुआ"।
SR No.538051
Book TitleAnekant 1998 Book 51 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1998
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size4 MB
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