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________________ अनेकान्त/35 चडोभ का ऐतिहासिक जिनालय व दान पत्र O लेखक कुन्दन लाल जैन चडोभ का शिलालेख पुरात्तव जगत का प्रसिद्ध जैन शिलालेख है इससे जहा कच्छपधाती (कछवाहे) शासकों का परिचय मिलता है वहां लाड बागड सघ के आचार्यो और भट्टारको का भी परिचय मिलता है। इनमें से विजय कीर्ति नामक भट्टारक ने यहां विशाल जिन चैत्यालय बनवाया था। जिसे महाराज विक्रमसिंह ने ग्रामदान तैलदान आदि दिये थे. इन सबका दिग्दर्शन इस शिलालेख से मलता है इस शिलालेख में इस ग्राम का नाम चडोम उत्कीर्णित है जो कालान्तर मे डोम कुण्ड कहलाया और अब दूबकुण्ड के नाम से प्रसिद्ध है। देखो शिलालेख का उन्नीस वा श्लोक। हुआ यह कि सर्वप्रथम सन् १८६६ मे यह शिलालेख श्री कप्तान श्री डब्ल्यू आर मैकविली को इसमदिर के ध्वसावशेषो मे प्राप्त हआ था। अत उन्होने Dov-Kund शीर्षक से रोमन लिपि मे इसका विवरण लिखा जो शिलालेख के "चडोम से मिलता जुलता है, काल परिवर्तन के कारण लोगो की जिहा से 'च' उड गया और डोभ बाकी बच गया, जहा यह शिलालेख ध्वसावशेष मिले वह ग्राम अब भी डोभ नाम से प्रसिद्ध है। नागरी लिपि वालो ने डोभ और दोभ को दोम को दूभ-कुण्ड में परिवर्तित कर दिया और अब यह दूब कुण्ड के नाम से ही प्रसिद्ध हो गया है। इसमे कुण्ड शब्द का सयोजन सभवत उसी रजकद्रह नामक सरोवर के लिए हुआ जिसे महाराज विक्रमसिह ने मन्दिर के लिए दान दिया था। दूबकुण्ड मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की श्योपुर तहसील का एक पिछडा हुआ छोटा सा आदिवासी ग्राम है, राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है। दूब कुण्ड जाने के लिए गवालियर, झासी और शिवपुरी से बसे जाती है। ग्वालियर श्योपुर राजमार्ग पर सौ कि.मी पर एक रास्ता गोरस श्यामपुर को जाता है इस मार्ग पर दस कि.मी. बाद बॉई और एक रास्ता और निकलता है जिस पर करीब ३ कि मी. चलने पर डोमग्राम पहुचा जा सकता है। यहा हजारो जैन मूर्तिया अस्तव्यस्त दशा मे पडी है इनकी खोज खबर लेने वाला कोई नही है। ग्रामीण लोग इन्हे अपना देवता समझ पूजा करते है कुछ मुर्तियो को तो कुण्ड के किनारे अगल बगल मे चुन दिया गया है। कुछ लोग इस ग्राम को चदोभा, चडोभा, चमोडा, चभोडा आदि नामो से उल्लेख करते है। जो भ्रान्तिपूर्ण है। जैन समाज को इन मूर्ति के जीर्णोद्धार हेतु प्रयास करना
SR No.538048
Book TitleAnekant 1995 Book 48 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1995
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size5 MB
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