SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वीर सेवा मन्दिरका प्रेमासिक अनेकान्त (पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') बब ४६: कि०२ अप्रल-जून १६६३ कम इस अंक में विषय १. गुरु-स्तुति २. प्राचीन भारत को प्रसिद्ध नगरी अहिच्छत्र -डा. रमेशचन्द्र जैन, बिजनौर ३. श्वेताम्बर आगम और दिगम्बरत्व -~-जस्टिस एम. एल. जैन ४. गोम्मटसार कर्मकाण्ड का शुद्धि-पत्र -पं. जवाहरलाल मोतीलाल जैन, भीण्डर ५. केरल में जैन स्थापत्य और कला -श्री राजमल जैन, दिल्ली ६. जिनागमो का संपादन -श्री जौहरीमल पारख ७. प्राकृत भाषा के सम्बन्ध में प्राप्त कुछ पत्र ८. पुरानी यादें-सपादक ९. ऊन के देवालय -श्री नरेश कुमार पाठक १०. अ. भा० दि० जन विद्वत्परिषद् के खुर अधिवेशन मे पारित एक प्रस्ताव कवर पृ०२ प्रकाशक : बीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538046
Book TitleAnekant 1993 Book 46 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1993
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy