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________________ बोर सेवा मन्दिरका त्रैमासिक अनेकान्त (पत्र प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगबोर') कि.१ जनवरी-मा इस अंक में विषय १. ऐसा मोहीमयों न अधोगति जाये २. प्राचीन भारत की प्रसिद्ध नगरी बहिन्यत्र -ना. रमेशचन्द्र जैन, विवनौर ३. श्वेताम्बर बागम और विनम्बरत्य -अस्टिस एम. एल.जैन ४. पार लिपियों की सुरक्षा आवश्यक -डा. ऋषभचन्द फौजदार ५. प्राकृत एवं अपनी भाषा में सुलोचना चरित्र -श्रीमती बल्पना जैन १. दुबकुणकी जैन स्थापत्य एवं मूर्तिकला -श्री नरेश कुमार पाठक ७. प्रवचनसार में वर्णित परित्र-चित्रण -कु.शकुन्तला बैन ८. अष्टपार की प्राचीन टीकाएँ -डा. महेम कुमार जैन 'मनुज' १.गोम्मटसार कर्मकाण्डका बुधि-पत्र । -पं. जवाहरलाल मोतीलासन, भीमर १०.कविता-श्री मिश्रीबाल जैन ११. कविता-मानसिंह र सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538046
Book TitleAnekant 1993 Book 46 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1993
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
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