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________________ क्या कहां है? 1 जिनवाणी स्तुती ।। 2 प्रस्तुत अंक क्यों ? 12 3 सामाजिक प्रदूषण का जिम्मेदार कौन ? | 3 4 नितांत असत्य / 3 5 हमारी कार्यप्रणाली/ 4 6 विरोधाभासी वक्तव्य / 4 7 मेरा समयसार - पं. बलभद्र जैन । 5 8 हमारा मन्तव्य 15 9 आचार्य श्री विद्यानन्द जी का अभिमत । 10 आगम बदलाव से हानि / 6 ।। स्व प्रशंसा।7 12 श्री बाबूलाल जैन वक्ता / 8 13 अधिकार की सीमा / ४ 14 डॉ नेमिचन्द जेन इन्दौर । ) 15 बाबू नेमिचन्द जैन नयी दिल्ली वार्ता प्रसग . ) । (, डॉ. नन्दलाल व डॉ. प्रेम सुमन । । ।) 17 नग्न दिगम्बर रूप की महत्ता ।। । ६ अथ समयसार शुद्धि प्रकरण । 13 1) आ. विद्यानन्द जी की चतावनी-एक प्रतिक्रिया । 15 20 माह अशाक कुमार जैन को पत्र 1 5 ----93 / 18 . 21 कुन्दकुन्द भारती को पत्र /19 22 माह अशोक कुमार जैन से मार्गदर्शन / 20 23 साह रमशचन्द्र जैन को पत्र 17-3-93 /22 24 डॉ गोकुलचन्द जेन वाराणसी-विचार / 23 25 डॉ. हीरालाल जैन व डॉ. अपाध्ये - अभिमत / 23-24 26 पं. फूल चन्द शास्त्री के विचार / 24 27 कुन्दकुन्द भारती के पत्रों के उत्तर / 25-29 28 पूज्य त्यागीगण एवं विद्वानों की सम्मतियां/ 29-34 29 उपसंहार । 34-35 30 परम्परित मूल आगम रक्षा प्रसंग / 36-52 31 कुन्दकुन्द शब्दकोश / कवर 3
SR No.538046
Book TitleAnekant 1993 Book 46 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1993
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
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