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वीर सेवा मन्दिरका त्रैमासिक
अनकान्त
(पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष ४५ कि.१
जनवरी-मार्च १९६२
इस अंक में
विषय १. परम दिगम्बर गुरु २. कर्नाटक मे जनधर्म-श्री राजमल जैन, दिल्ली ३. अपभ्रंश भाषा के प्रमुख जैन साहित्यकार.
-श्री जिनमती जैन एम.ए., वैशाली ४. जनधर्म एवं संस्कृति के संरक्षण तथा विकास मे
तत्कालीन राजघरानो का योगदान
-श्री डा. कमलेश जैन, वाराणसी ५. साहु जीवराज पापडीवाल
~श्री कुन्दनलाल जैन, दिल्ली ६. कवि बुलाकी दास : एक परिचय
-श्री उषा जैन एम. ए., कस राबद ७. भट्टारक हषकीति के पद
-डा० गगाराम गर्ग 5. पुष्पदन्तकृत-जसहरचरिउ में दार्शनिक समीक्षा
-थी जिनेन्द्र जैन, लाडन ६.या० श्री विद्यासागर का रस-विषयक मन्तव्य
-डा. रमेशचन्द जैन १०. पूज्य बड़े वर्णीजी का एक प्रवचन कवर पृ०२ । ११. ग्राह्य मान-कण
प्रकाशक :
वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२