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वीर सेवा मन्दिरका मासिक
अनेकान्त
(पत्र प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') बर्ष४:कि०२
मप्रैल-जून १९९५
इस अंक में
विषय १. मन को सीख २. तत्त्वार्थवातिक में प्रयुक्त ग्रन्थ
-डा. रमेशचन्द्र जैन, बिजनौर ३. जिनसेन के अनुसार ऋषभदेव का योगदान
-जस्टिस एम०एल० जैन ४. वसुनन्दिकृत उपासकाध्ययन में व्यसन मुक्ति
-श्री श्रीराम मिश्र ५. नियमसार का समालोचनात्मक सम्पादन
-डा० ऋषभचन्द जैन फौजदार ६. अहार का शान्तिनाथ प्रतिमा लेख
-डा० कस्तूरचन्द जैन 'सुमन' ७. धवल पुस्तक ४ का शुद्धि पत्र
-पं जवाहरलाल शास्त्री ८. गुजरी महल में संरक्षित शान्तिनाप प्रतिमाएं
-डा० नरेश कुमार पाठक ६.केवल उपादान को नियामक मानना एकान्तवाद है
-पं० मुन्नालाल 'प्रभाकर' १०. अपरिग्रही ही आत्म-दर्शन का अधिकारी
-श्री पपचन्द्र शास्त्री 'सम्पादक' ११. जरा सोचिए-सम्पादक १२. बाल ब्रह्मचारिणी श्री कोमलकुमारी के नाम पत्र -श्री विमल प्रसाद जैन
कवर पृ. २
प्रकाशक:
बीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२